दिव्यांगजन की सफल कहानियों से करवाया रूबरू
‘एक इच्छा से कुछ नहीं बदलता लेकिन एक दृढ़ निश्चय इस पूरी दुनिया को बदल सकता है’
जोधपुर,सीआईडी कार्यक्रम के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में नवज्योति मनोविकास विशेष शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.महेंद्र कुमार द्वारा दिव्यांगजनों की सफलता की कहानियों को मानसिक स्वास्थ्य के साथ संलग्न करते हुए विभिन्न चुनौतियों से उबरने के विभिन्न तरीकों को वास्तविक उदाहरणों सहित समझाया। कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी इंसान को कभी अपना हौसला नहीं खोना चाहिए सभी में कुछ ना कुछ सर्जनात्मकता व विशिष्ट क्षमता अवश्य होती है,हमें उसे तराशना होता है और दृढ़ निश्चय के साथ हम किसी भी मुश्किल कार्य को आसानी से कर सकते हैं।
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दूसरे सत्र के अंतर्गत आईआईटी जोधपुर के मानविकी विभाग के सीनियर काउंसलर डॉ.प्रसाद गडकरी ने कठिन परिस्थितियों की पहचान व उनसे उबरने के लिए सार्वभौमिक भावनाओं पर पहली बार आए बच्चों और उनके पेरेंट्स का विचार जानने के तरीकों को बताते हुए हेल्पिंग बिहेवियर का पॉजिटिव एटीट्यूड में सार्थकता को विस्तार से बताया।
तीसरे सत्र में एम्स हॉस्पिटल जोधपुर के मनोविज्ञान विभाग की साइकोलॉजिस्ट डॉ.नीता द्विवेदी ने परामर्श के विभिन्न बुनियादी कौशलों, तरीकों व रणनीतियों को प्रैक्टिकल रूबरू करवाया।
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चौथे व अंतिम सत्र में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की मनोविज्ञान विभाग की सहआचार्या डॉ.अर्पिता कक्कड़ ने निर्देशन व परामर्श कौशल को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकों हेतु इसकी उपयोगिता, सार्थकता व भूमिका को उदाहरणों सहित स्पष्ट किया। विभिन्न क्षेत्रों से आये प्रतिभागियों के विभिन्न प्रश्नों व शंकाओं का बहुत ही प्रभावी रूप से समाधान बताकर लाभान्वित किया। इस दौरान कार्यक्रम समन्वयक डॉ महेंद्र कुमार ने कार्यक्रम में आए सभी अनुभवी व्यक्तियों व प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
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