Doordrishti News Logo

लेखक:-पार्थसारथि थपलियाल

जिज्ञासा
बालोतरा (राजस्थान) से राजेन्द्र जैन लिखते हैं कि लोग अक्सर बोलचाल में शादी विवाह शब्द एक साथ बोल देते हैं। इनके अर्थ क्या हैं?

समाधान
आपने सही कहा, लोग यह कहते सुने जाते हैं, शादी-विवाह के मौके पर कुछ लोग नाराज भी होते ही हैं।
इन दोनों शब्दों की उत्पति अलग अलग संस्कृतियों में हुई है।
शादी शब्द अरबी भाषा के “शाद” शब्द से बना है, जिसका अर्थ है आनंद, खुशी, उमंग आदि। ठीक से भाव समझें तो शादी का मतलब है खुशी का अवसर। यह शब्द अरबी से फारसी में होकर उर्दू में आकर भारत मे खुशियां मना रहा है। इन शब्दों का उपयोग जो लोग रिवाज़ के तौर पर करते हैं उनमें शादी की रश्म निकाह कर पूरी की जाती है। निकाह एक प्रकार का अनुबंध है, जिसमे तलाक के लिए मेहर की व्यवस्था भी निकाहनामा में लिखी जाती है। निकाह में तीन लोगों की भूमिका अति महत्वपूर्ण होती है। दूल्हा, दुल्हन और मौलवी।

मुसलमानों ने भारत पर किसी न किसी रूप में लगभग 700 साल राज किया। उन्होंने अरबी, फारसी और तुर्की के शब्दों को भारतीय जनमानस में बिठाया। भारत के लोग भी विवाह के लिए वैकल्पिक शब्द के रूप में शादी शब्द का उपयोग करने लगे। भारत में संसार की परंपरा को बढ़ाने, पितृ ऋण चुकाने के लिए 16 संस्कारों में से ((15वें नंबर का) विवाह संस्कार युवक और युवती में दाम्पत्य भाव स्थापित करने और उसे सामाजिक मान्यता दिए जाने का नाम विवाह है। विवाह शब्द का अर्थ है विशेष रूप से वहन किये जाने वाला कार्य। भारत में 8 प्रकार के विवाहों का वरणं मिलता है। ये आठ विवाह हैं-1. ब्रह्म विवाह, 2.देव विवाह, 3.आर्ष विवाह, 4. प्राजापत्य विवाह,, 5.गंधर्व विवाह, 6.असुर विवाह, 7. राक्षस और 8. पैशाच।

नारद पुराण के अनुसार इनमें से ब्रह्म विवाह सर्वोत्तम है, इसके बाद देव और आर्य विवाह ठीक बताये गए हैं। ब्रह्म विवाह पाणिग्रहण संस्कार के रूप में सम्पन्न किया जाता है। पाणी का अर्थ है हाथ और ग्रहण का अर्थ है स्वीकार करना। जब कन्या के पिता-माता अपनी पुत्री का हाथ निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार दुल्हन के रूप में सुयोग्य वर के हाथ मे पकड़ाते हैं और वर हाथ को स्वीकार करता है यह पाणि-ग्रहण संस्कार होता है, जिसमे सुयोग्य कुलपुरोहित अथवा कर्मकांडी ब्राह्मणों की भूमिका मुख्य रहती है, जो महासंकल्प,पाणिग्रहण, विवाहमण्डप में अग्नि को साक्षी बनाकर सप्तपदी और वामांगी होने के संस्कार कर विवाह कर कार्य को वैदिक रीति से सम्पन्न कराते हैं। सनातन संस्कृति में तलाक जैसी व्यवस्था इसलिए नही है क्योंकि सप्तपदी में पुरुष के लिए पत्नीनिष्ठ और पत्नी के लिए पतिव्रता होने के वचन दोनों एक दूसरे को देते हैं। सनातन मान्यता है कि पति-पत्नी का संबंध जन्मांतर तक रहता है। सरकारी तौर पर विधिक व्यवस्था में संबंध विच्छेद का प्रावधान है।

किसी पाठक को हिंदी शब्दों की व्याख्या की जानकारी चाहिए तो अपना प्रश्न “शब्द संदर्भ” में पूछ सकते हैं।

ये भी पढ़े – शब्द संदर्भ (72) लेख, आलेख, शिलालेख, विलेख

Related posts:

घिलोठ में बनेगा प्रदेश का पहला ई-बस मेन्यूफैक्चरिंग प्लांट

October 22, 2025

दीपावली की रात कई जगह लगी आग,जनहानि नही 

October 22, 2025

बॉलीवुड के दिग्गज हास्य अभिनेता असरानी का निधन

October 21, 2025

देवगढ़ मदरिया से मारवाड़ जंक्शन वाया टोडगढ़ रावली नई रेल लाइन के फ़ाइनल सर्वे को मंजूरी

October 20, 2025

आदर्श शिक्षिका जोशी की स्मृति में प्रकाशित पुस्तक झंझावात का लोकार्पण

October 19, 2025

धनतेरस के साथ दीपोत्सव का आगाज बाजार हुए गुलजार

October 19, 2025

प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में अब सरकारी कॉलेज के बराबर फीस देने का अंतरिम आदेश

October 19, 2025

प्रो.डॉ.शुक्ल बने डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलगुरू

October 18, 2025

धनतेरस आज: यातायात की विशेष व्यवस्था रहेगी

October 18, 2025