स्पोर्ट्स मेडिसिन थेरेपी व मर्म चिकित्सा पर कार्यशाला आयोजित

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हुआ आयोजन

जोधपुर,स्पोर्ट्स मेडिसिन थेरेपी व मर्म चिकित्सा पर कार्यशाला आयोजित। राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2023 समारोह के अंतर्गत मासपर्यंत आयोजित हो रहे कार्यक्रमों की कड़ी में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के मानव संसाधन विकास केंद्र के तत्वावधान में पीजीआईए में सोमवार को स्पोर्ट्स मेडिसिन थेरेपी और मर्म चिकित्सा पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें देश के ख्यातनाम स्पोर्ट्स मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ.धर्मेंद्र कुबेंदरीन ने हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के दो सत्रों में संभागियों को दर्द से तत्काल राहत देने वाली विशिष्ट क्रियाओं का प्रत्यक्ष प्रदर्शन करते हुए प्रशिक्षण दिया। इन सत्रों में डॉ.कुबेंदरीन ने बॉडी अलाइनमेंट, मैनिपुलेशन,ड्राय नीडल,कपिंग,मर्म थेरेपी,नेक सपोर्ट व विभिन्न ज्वाइंट्स संबंधित समस्याओं पर बात की। मानव संसाधन विकास केंद्र के निदेशक डॉ.राकेश शर्मा ने अतिथि का स्वागत एवं परिचय दिया। अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो.प्रदीप कुमार प्रजापति ने ज्ञानवर्धक व्याख्यान को वर्तमान समय की आवश्यकता बताते हुए कहा कि बिना दवा के,मर्म थेरेपी तुरंत प्रभाव दिखाती है जिससे दर्द की कई बीमारियों में फायदा मिलता है। कार्यक्रम में रचना शारीर विभाग के सहायक आचार्य डॉ.नवनीत दाधीच एवं डॉ.अमित गहलोत का सहयोग रहा। धन्यवाद डॉ.श्योराम शर्मा ने दिया। संचालन डॉ.खुशबू शर्मा ने किया। कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो.महेंद्र कुमार शर्मा,पूर्व प्राचार्य प्रो.गोविन्द शुक्ला,डीन रिसर्च प्रो.प्रेम प्रकाश व्यास,डीन एकेडमिक प्रो.राजेश शर्मा, चिकित्सालय अधीक्षक प्रो.प्रमोद मिश्रा,द्रव्यगुण विभागाध्यक्ष प्रो.चन्दन सिंह,रोग निदान विभागाध्यक्ष प्रो. गोविन्द गुप्ता,प्रसूति स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रो.ए नीलिमा रेड्डी, पंचकर्म विभागाध्यक्ष डा.ज्ञानप्रकाश शर्मा,मौलिक सिद्धान्त विभागाध्यक्ष डॉ.देवेन्द्र चाहर,डॉ.श्योराम शर्मा,डॉ. अरुण दाधीच,डॉ.दिलीप व्यास,डॉ. गजेंद्र दुबे,डॉ.रामेश्वर डूडी एवं डॉ. अवधेश शांडिल्य आदि महाविद्यालय के शिक्षक सहित स्नातकोत्तर अध्येतागण उपस्थित थे।

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नाटक द्वारा समझाई बेसिक लाईफ सपोर्ट प्रक्रिया
कुलपति प्रो वैद्य प्रदीपकुमार प्रजापति की प्रेरणा से राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2023 समारोह की थीम ‘हर दिन हर किसी के लिए आयुर्वेद’ पर आयोजित हो रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज स्नातकोत्तर शल्य तंत्र विभाग की ओर से विश्वविद्यालय परिसर के संजीवनी अस्पताल में बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रक्रिया का नाटक के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया गया। एक्ट में किस प्रकार से इमरजेंसी के समय हम रोगी को सीपीआर दे सकते हैं और उस समय हम क्या-क्या कर सकते हैं,इसके बारे में जानकारी दी गई। अस्पताल अधीक्षक प्रो.प्रमोद कुमार मिश्रा एवं शल्यतंत्र विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ.राजेश कुमार गुप्ता के साथ कुलपति प्रो.प्रजापति ने भगवान धन्वंतरि चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कुलपति ने बताया कि सीपीआर तकनीक एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी भी कारण से बेहोश हुए व्यक्ति को पुनः जीवन दान दिया जा सकता है। इस प्रक्रिया को करने के लिए किसी डॉक्टर की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रक्रिया का ज्ञान तथा प्रशिक्षण देश के सभी नागरिकों को होना चाहिए। प्रो.प्रजापति ने बताया कि सीपीआर तकनीक हर घर में प्रत्येक व्यक्ति को आना चाहिए जिससे आवश्यकता पड़ने पर सही समय पर व्यक्ति की जान बचाई जा सके। इस अवसर पर कुलपति ने पैरा सर्जिकल एग्जीबिशन का भी शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में समन्वयक एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विष्णु दत्त शर्मा,असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.एकता और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजीव सोनी,असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रवीण,असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नीतू, समस्त स्नातकोत्तर अध्येता रेजिडेंट, स्नातक के छात्र-छात्राएं,समस्त नर्सिंग स्टाफ,अस्पताल कर्मचारी उपस्थित थे। संचालन डॉ.हरवीर ने किया।इस नुकड़ नाटक और पैरा सर्जिकल एग्जीबिशन में स्नातकोत्तर शल्यतंत्र विभाग के स्नातकोत्तर अध्येता डॉ.राजकुमार,डॉ.अरुण,डॉ.हरवीर,डॉ.रामकरण,डॉ.ओमप्रकाश,डॉ.नीरज, डॉ.राहुल,डॉ.गोविंद,डॉ.इंसाफ,डॉ. अमित,डॉ.संजय,डॉ.सोनू,डॉ.संदीप, डॉ.मनिंदर,डॉ.तनिष्का,डॉ.ग्रीष्मा,डॉ. सलोनी तथा डॉ.राहुल ने सहयोग किया।

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