विश्व गुरू बनने के लिए ईमानदार और चरित्रवान बनना होगा-आर्यवेश

जोधपुर, स्वामी आर्यवेश ने कहा कि महाभारत से पहले भारत विश्व गुरू था। अब भारत को विश्व गुरू बनने के लिए ईमानदार और चरित्रवान बनना होगा। देश में आज बहन बेटियां को सुरक्षा की जरूरत है। आर्य समाज विज्ञान तर्क और विवेक पर विश्वास करता है। वे आज जोधपुर में मीडिया से मुखातिब हुए।

मीडिया के सवालों पर आर्यवेश ने कहा कि भारत महाभारत काल से पहले विश्वगुरू था। मगर अब नहीं है। अब उसे विश्व गुरू बनाने की बात उठी है तो पहले हमें चरित्रवान और ईमानदार बननाा होगा। देश में आज बहन बेटियों की सुरक्षा जरूरी है। आर्य समाज ने लोगों को जागरूक करने और संगठित करने लिए सात बिंदु तय किए हैं। इन्हें सब क्रांति बिंदु नाम दिया गया है।

उन्होंने कहा कि जातिवाद, सांप्रदायिक वाद से मुक्त समाज का निर्माण करने की जरूरत है। देश तभी तरक्की कर सकता है और विश्व गुरू बन सकता है जब हम इन बिंदुओं पर काम करें। आर्य समाज तर्क विवेक और विज्ञान को मानता है। आर्य समाज का मानना है कि शारीरिक मानसिक उन्नति की जरूरत है। इसके लिए संगठित रहना होगा। आर्य समाज वैश्विक मूल्यों का मानने वाला संगठन है। सांप्रदायिक वाद समाज से मुक्ति के लिए चाहे वह कोई भी समाज का हो उन्हें संवाद कर समस्या का हल ढूंढना होगा। स्वामी आर्यवेश ने नशा खोरी को देश की सबसे बड़ी पीड़ा बताया। इसके कारण देश समाज की तरक्की विकास रूक जाता है। हमें पाखंडों और अंध विश्वास से भी दूर रहना होगा।

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