आफरी में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
जोधपुर,आफरी में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ। भावाअशिप-शुष्क वन अनुसंधान संस्थान(आफरी),जोधपुर में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित शुष्क क्षेत्रों को हराभरा बनाने तथा उनके पारिस्थितिकी पहलू व सतत वानिकी पर जागरूकता विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. एलएन हर्ष सेवानिवृत्त कुलपति कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर ने अपने संबोधन में बताया कि परम्परागत विधियों के साथ आधुनिक तकनीक के समन्वय द्वारा जैविक खेती, पशुधन उपयोगिता एवं बायोगैस उपयोग के साथ शुष्क प्रजातियों से प्राप्त फलों,पत्तों,जड़ों आदि अकाष्ठ वनोत्पादनों के नवाचारों के उपयोग से सतत वानिकी द्वारा शुष्क क्षेत्रों को हरा भरा बनाया जा सकता है।
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आफरी निदेशक एमआर बालोच, भावसे ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का स्वागत किया एवं आफरी द्वारा शुष्क क्षेत्रिय प्रजातियों के संरक्षण के साथ शीशम क्लॉन उन्नत किस्मों की प्रजातियों का कृषि वानिकी में मोटे अनाज वाली फसलों के साथ आफरी द्वारा किए गए अनुसंधानों को बताया। कार्यक्रम में आफरी के समूह समन्वयक(शोध) डॉ.तरुण कान्त ने स्वागत किया। प्रशिक्षण कोर्स समन्वयक डॉ.शिवानी भटनागर ने तीन दिवसीय कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में राजस्थान के विभिन्न जिलों से प्रगतिशील किसान,गैर सरकारी संगठन,विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि एवं छात्र समूह के साथ उद्योग जगत के लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन मीता सिंह तोमर ने किया।
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