मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलेगा ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान।

  • जिले में 1 जनवरी से 31 मार्च तक चलेगा ‘‘शुद्ध के लिए युद्ध अभियान’’
  • अभियान में मिलावटी खाद्य पदार्थ आपूर्तिकर्ताओं के विरूद्ध होगी सख्त कार्यवाही
  • दूध,मावा,पनीर,आटा,बेसन,खाद्य तेल,घी,सूखे मेवे व मसालों की होगी जांच
  • मिलावट की सही सूचना पाये जाने पर सूचना देने वाले को 51 हजार का मिलेगा इनाम
  • डिकाॅम आपरेशन भी किए जायेंगे

जोधपुर, 29 दिसंरब। जिला कलक्टर इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार जिले में मिलावटी खाद्य पदार्थ आपूर्तिकर्ताओं के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के लिए 1 जनवरी से 31 मार्च तक ‘‘शुद्ध के लिए युद्ध’’ अभियान चलाये जायेगा।

अभियान के दौरान इनकी होगी जांच

जिला कलक्टर ने बताया कि अभियान के दौरान दुध, मावा, पनीर, व आटा, बेसन, खाद्य तेल एवं घी,सूखे मेवे, मसालों व बाट एवं माप की जांच होगी।

मिलावट की संभावनाओं वाले विक्रय केन्द्रों का चिन्हित करें

जिला कलक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से अभियान के दौरान ऐसे खाद्य पदार्थ विक्रय केन्द्रों को चिन्हित करने को कहा जहां मिलावट की संभावना हो। उनके विरूद्ध नियमानुसार जांच, सैम्पलिंग कर मिलावट पाये जाने पर सख्त कार्यवाही की जाए। जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि अभियान के दौरान डिकाय आॅपरेशन की किए जाए।

मिलावट की सूचना मिलने पर सही पायी जाने पर 51 हजार का ईमान

जिला कलक्टर ने बताया कि मिलावट की सूचना मिलने पर कार्यवाही के बाद सूचना सही पाये जाने पर सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखते हुए उसे 51 हजार का ईनाम दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए विभाग द्वारा अलग से प्रावधान होगा।

जिला कलक्टर ने बताया कि जांच दलों द्वारा संस्थाओं के निरीक्षण कर नमूने लिए जायेंगे व मौके पर कठोर कार्यवाही करते हुए निकटतम फूड टेस्टिंग लैब में नमूनों की जांच कर विधिक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि फूड सेफ्टि एण्ड स्टेण्डर्ड एक्ट 2006 एवं नियम 2011 के प्रावधानों के तहत मिलावटी माल को मौके पर ही नष्ट करने की कार्यवाही की जायेगी।

जिला स्तरीय प्रबन्धन समिति

जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय प्रबन्धन समिति में जिला पुलिस अधीक्षक,पुलिस आयुक्त, सीएमएचओ,डीएसओ, प्रबन्ध निदेशक डेयरी,उपविधि परामर्शी, सहायक विधि परामर्शी, जिले में स्थित मोबाइल खाद्य जांच प्रयोगशाला का खाद्य विश्लेषक व सहायक लोक अभियोजक सदस्य है।

अभियान में गठित विशेष जांच दल

अभियान में गठित विशेष जांच दल में उपखण्ड अधिकारी, बीडीओ, तहसीलदार टीम लीडर एव उप अधीक्षक पुलिस, पुलिस निरीक्षक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, विधि माप विज्ञान अधिकारी व डेयरी प्रतिनिधि सदस्य होंगे। इन संयुक्त जांच दल द्वारा निरीक्षण का कार्य किया जायेगा। यदि किसी कारण उपखण्ड अधिकारी, बीडीओं या तहसीलदार जांच दल के साथ नहीं जा पाते है तो खाद्य सुरक्षा अधिकारी के साथ आवश्यकतानुसार पुलिस बल व कार्यपालक मजिस्ट्रेट अन्य नामित प्रशासनिक अधिकारी रहेंगे।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का यह रहेगा उत्तर दायित्व

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जिला स्तरीय प्रबन्धन समिति की साप्ताहिक बैठक आयोजित करवायी जायेगी व खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को आवश्यक पेपर स्लीप,लाॅजिस्टिक एवं वाहन उपलब्ध करवाया जायेगा। लाइसेंस के लिए प्राप्त आवेदनों का निर्धारित अवधि में निस्तारण, मिलावट करने वाले व्यापारी, क्षेत्र का चिन्हिकरण व डिकाॅय आॅपरेशन आयोजित करवाये जायेंगे। जिले में स्थित दो चल प्रयोशालाओं द्वारा कैम्प प्लान बनाकर अधिकतम उपयोग किया जायेगा।

इन विभागों की मिलेगी मदद

अभियान में पशुपालन व गोपालन विभाग डेयरी के दूध संग्रहण केन्द्र पर स्थापित प्रयोगशालाओं का दूध एवं दूध उत्पाद में स्पाॅट टेस्ट में सहयोग, दूध संग्रहण केन्द्र पर मिलावट के आधार पर दूध व्यापारियों से दूध नहीं लेने वाले व्यक्तियों की सूचना उपलब्ध करना व विधि एवं विधिक विभाग खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का विधिक सहायता उपलब्ध कराना व एडीएम कोर्ट में विचाराधीन प्रकरणों में विभागीय पक्ष रखने के लिए एपीपी को अधिकृत करना होगा। पुलिस द्वारा असुरक्षित प्रवृति के खाद्य पदार्थ के निर्माण करने वाले व्यापारियों के विरूद्ध आईपीसी की धारा 272, 273 एवं 420 के तहत एफआईआर दर्ज करेगी व खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का आवश्यकतानुसार पुलिस बल उपलब्ध करवायेगी।

अभियान में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के यह रहेगी जिम्मेदारी

अभियान के दौरान खा़द्य सुरक्षा अधिकारी प्रतिदिन 3 खाद्य पदार्थो के नमूने लेने, प्राथमिकता के तौर पर दूध एवं दूध में बने पदार्थ,मसालों,तेल,घी, आटा,बेसन के नमूने लेना,रजिस्ट्रेशन के लिए प्राप्त आवेदनों का निर्धारित समय में निस्तारण व समयावधि में मिलावट करने वाले व्यापारियों के विरूद्ध परिवाद प्रस्तुत करना, मिलावट करने वाले व्यापारी व क्षेत्र के चिन्हिकरण,डिकाॅय आॅपरेशन आयोजित करना व नियमित रूप से रिपोर्टिंग करना होगा।

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