सिल्वर स्क्रीन में पर्दे के पीछे चमकती आवाज़ का जादू आज बिखरा
जोधपुर,संगीत नाटक अकादमी के तीन दिवसीय सुरबहार समारोह का समापन सोमवार सायं पार्श्व गायक रविन्द्र उपाध्याय की प्रस्तुति से हुआ। उन्होंने नये पुराने नगमे सुनाते हुए खुद झूमे नाचे और दर्शकों को भी नाचने और झूमने पर मजबूर कर दिया। तीन दिवसीय सुगम संगीत समारोह ‘सुरबहार’ की समापन संध्या पर फिल्म पार्श्वगायन के क्षेत्र में यूथ आइकन के रूप में पहचान बनाने वाले बहुचर्चित गायक रविंद्र उपाध्याय ने पूरी आर्केस्ट्रा के साथ राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के मंच पर एक से बढ़कर एक यादगार प्रस्तुतियां दी।
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वी चैनल सुपर सिंगर का खिताब जीत चुके उपाध्याय हिंदी सिनेमा में बेहतरीन काम के लिए जाने जाते हैं। बतौर सिंगर हैप्पी न्यू ईयर,तलाश आदि फिल्मों में काम कर चुके हैं।
हीरे मोती में न चाहूँ गीत से आगाज़ करते हुए एक के बाद एक गीत इकबाल फिल्म का आंखों में सपना, तलाश फिल्म का सुपरहिट गीत जिया लागे ना, लग जा गले,बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी,पर्दा है पर्दा और अपना राजस्थानी हिट गीत हरियाला बन्ना प्रस्तुत किया।
जाने-माने गायक सुखविंदर को अपना आइडल मानने वाले रविंद्र ने जगजीत,बप्पी दा,लता जी,मोहम्मद रफी,किशोर दा के प्रसिद्ध फिल्मी गीतों के साथ शाम का समां बांध दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में समारोह की मुख्य अतिथि राज्यमंत्री,बाल एवं महिला आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनिवाल ने युवा पार्श्व गायक रविंद्र उपाध्याय को पुष्पगुच्छ और अकादमी अध्यक्ष बिनाका जेश ने स्मृति चिन्ह भेंट किया कर स्वागत किया।
बीएसएनएल माहाप्रबंधक पंकज भंडारी,जिला अध्यक्ष नरेश जोशी, पार्षद ओंकार वर्मा,अकादमी सदस्य शब्बीर हुसेन और रमेश भाटी मौजूद थे। मंच संचालन शैला माहेश्वरी ने किया। अकादमी सचिव डॉ.सूरजमल राव ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि इसी सभागार में13,14,15 दिसंबर को अकादमी शास्त्रीय नृत्य समारोह नृत्यम का आयोजन करेगी।
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