वैदिक मंत्रोच्चार के से हुआ रामलला प्राण प्रतिष्ठा देश बना साक्षी

अयोध्या,वैदिक मंत्रोच्चार के से हुआ रामलला प्राण प्रतिष्ठा देश बना साक्षी।उत्तरप्रदेश के अयोध्या धाम में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा वैदिक मंत्रोच्चार से की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरती के साथ पूजा सम्पन्न की। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान बने,वे हल्के पीले रंग की धोती और कुर्ता पहनकर 12 बजे मंदिर परिसर में पहुंचे। उनके हाथ में एक थाल था जिसमें श्रीराम लला का चांदी का छत्र था। संकल्प के साथ प्राण प्रतिष्ठा की विधि 12 बजकर 5 मिनट पर शुरू हुई जो 1 घंटे से ज्यादा समय तक चली। प्रधानमंत्री ने भगवान की आरती कर चंवर डुलाया। मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास से कलावा बंधवाया और उनके पैर छुए। इसके बाद उन्होंने श्रीरामलला की परिक्रमा की और साष्टांग प्रणाम किया।उन्होंने राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के भी पैर छुए। संतों ने उन्हें सोने की अंगूठी भेंट की। मोदी ने मंदिर के गर्भगृह से बाहर आकर अपना 11 दिन का व्रत भी तोड़ा।प्रधान मंत्री के साथ गर्भगृह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ.मोहन भागवत,उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे।

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प्रातःकाल मंत्रोच्चार के साथ रामलला का श्रृंगार किया गया,और वैदिक मंत्रों के साथ मंगलाचरण हुआ। प्रातः 10 बजे से शंख व 50 से अधिक वाद्य यंत्रों की मंगल ध्वनि के साथ प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू हुआ। दोपहर 12.29 बजे प्राण-प्रतिष्ठा की मुख्य विधि विधान शुरू हुआ और 84 सेकेंड में मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा हो गई। मंत्रोच्चार के साथ रामलला के चरणों में जल छोड़ा गया, फिर अक्षत व पुष्प अर्पण कर नैवेद्य लगा कर आरती के साथ पूजा सम्पन्न की। इसके बाद रामलला को साष्टांग प्रणाम कर संतों का आशीर्वाद लिया। प्राणप्रतिष्ठा के बाद मंडप में वसोधारा पूजन हुआ। ऋग्वेद और शुक्ल यजुर्वेद की शाखाओं का होम और परायण किया गया। शाम को पूर्णाहुति हुई तथा विसर्जन किया गया।

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