शनि जयंती : श्रद्धापूर्वक मनाई शनि जयंती, कई जगह हुए हवन

जोधपुर, न्याय के देवता भगवान शनिदेव की जयंती ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर श्रद्धापूर्वक मनाई गई। लॉकडाउन की गाइडलाइन के चलते भक्तों को शंनि मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया गया। केवल पुजारी व मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने शनि भगवान की पूजा अर्चना कर तेलाभिषेक किया। कई मंदिरों में दर्शनों की ऑनलाइन व्यवस्था की गई। शनि जयंती पर आज शहर में श्रद्धालुओं ने दान-पुण्य भी किया।

शनि जयंती

कोरोना के वैश्विक महामारी के चलते शहर में लोगों ने आज घरों में ही शनि जयंती मनाई। उन्होंने शनिदेव का जन्मोत्सव श्रद्धा व भक्तिभाव के साथ मनाया। शनि मंदिरों में पुजारियों ने तेलाभिषेक कर पूजा अर्चना की। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन शनिदेव का जन्म हुआ था। कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते शनि मंदिरों में धार्मिक आयोजन हुए। प्रतापनगर स्थित हनुमान शनिधाम मंदिर में शनि जयंती महोत्सव गाइडलाइन के अनुसार मनाया गया।

शनि जयंती

पुजारी गोपाल महाराज ने बताया कि कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अतिथि वार्ड  नंबर 16 की पार्षद अंजू सिसोदिया थी जबकि समाजसेवी योगिता खींची एवं जीनगर महासभा के सचिव पूनम चंद खींची विशिष्ठ अतिथि थे। कार्यक्रम ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ। इसके बाद पंडित दामोदर भारद्वाज के सान्निध्य में संकल्प पूजा की गई। इसके बाद गंगा जल, गुलाब जल, इत्र व सरसों के तेल द्वारा अभिषेक किया गया।

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दोपहर में सर्वबाधा निवारक हवन कर भगवान को भोग लगाया गया। शाम को महाआरती के साथ ही एक दिवसीय महोत्सव की पूर्णाहुति हुई। कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए भक्तजनों के लिए कार्यक्रम की ऑनलाइन व्यवस्था की गई। सभी अनुष्ठान पंडित दामोदर भारद्वाज, पंडित सुमित नारायण दवे तथा पंडित देवेन्द्र दाधीच महाराज की देखरेख में हुए।

चमत्कारिक दक्षिण मुख सिगनापुर सिद्ध शनि पीठ शनिधाम शास्त्रीनगर में सोशल डिस्टेंसिंग व कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए शनि जयंती मनाई गई। महंत हेमंत बोहरा ने बताया कि इस अवसर पर शनिधाम में तेल से दक्षिणमुखी शनि देव के अभिषेक किया गया। रात को भोग लगाकर महाआरती की गई। इसी तरह जूनाखेड़ापति बालाजी मंदिर और शनिश्चरजी का थान स्थित शनि मंदिरों में भी शनि भगवान की प्रतिमा पर तेलाभिषेक किया गया।

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