बीमा क्लेम खारिज करना अनुचित, हर्जाने का आदेश
जोधपुर,बीमा क्लेम खारिज करना अनुचित,हर्जाने का आदेश। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, द्वितीय,जोधपुर ने इंश्योरेंस कंपनी द्वारा मृतक की बीमा राशि का क्लेम राशि खारिज करने को सेवा में कमी व त्रुटि मानते हुए बीमा कंपनी को क्लेम के साथ हर्जाना देने का आदेश दिया।
भदवासिया रोड,राजीव नगर बी जोधपुर निवासी रेखा ने अपने अधिवक्ता भंवर सिंह मांडा,कमल सिंह पंवार एवं प्रकाश बिश्नोई के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में एक परिवाद पेश कर बताया कि उनके पति महेंद्रसिंह चौहान ने सरकारी सेवा में रहते हुए कर्नाटक बैंक जोधपुर से होम ऋण लिया था। ऋण लेने के साथ ही पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से ऋण राशि का बीमा इस शर्त पर करवाया कि ऋणी की मृत्यु होने पर बीमा कंपनी ऋण का भुगतान कर देगी।
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दुर्भाग्य से ऋणी की मृत्यु 30 मई 2021 को कोविड-19 (कोरोना) की बीमारी की चपेट में आ जाने से हो गई थी। जिस पर रेखा ने बीमा कंपनी को बीमा राशि दिलाए जाने का निवेदन किया। जिस संबंध में रेखा ने बीमा कंपनी की औपचारिकताओं को पूर्ण किया लेकिन बीमा कंपनी ने ऋणी को अन्य बीमारियां होने का हवाला देते हुए व अन्य बीमारियां छुपाने का तथ्य बताते हुए बीमा क्लेम खारिज कर दिया। कंपनी ने कहा कि यदि बीमा लेने वाला पूर्व की बीमारी नहीं बताते हैं तो उसे क्लेम नहीं दिया जाता है। जिस पर ऋणी की पत्नी रेखा ने परिवाद पेश कर अपने तथ्य व दस्तावेजों को रखते हुए ऋण राशि दिलाए जाने का निवेदन किया। बीमा कंपनी की ओर से भी जवाब अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए गए लेकिन बीमा कंपनी जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के समक्ष ऋणी महेंद्र सिंह की बीमा प्रस्ताव से पूर्व किसी बीमारी से पीड़ित होने व इलाज कराने के तथ्य साबित करने में असफल रही। जिस पर जिला उपभोक्ता आयोग प्रतितोष ने रेखा के परिवाद को स्वीकार करते हुए बीमा कंपनी को आदेश दिया कि बीमित महेंद्र सिंह चौहान की उक्त बीमा पॉलिसी से संबंधित मृत्यु दावा के संबंधित राशि मय परिलाभ तथा उच्च राशि पर परिवाद प्रस्तुत किए जाने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित परिवादिनी को दो माह में भुगतान करें। परिवादिनी बीमा कंपनी से क्षतिपूर्ति नियमित 10 हजार रुपये तथा परिवाद व्यय के रूप में 5 हजार रुपये प्राप्त करने की अधिकारिणी हैं।
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