- केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने फोन टैपिंग पर तोड़ी चुप्पी
- एफआईआर पर जांच की बात कही
जोधपुर, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को फोन टैपिंग मामले में कहा कि यह निजता पर हमला है। एफआईआर दर्ज कराने को लेकर उन्होने विस्तार से बात रखी। शेखावत ने खुद की नैतिकता और चरित्र हनन का कांग्रेस पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि राजस्थान सरकार,उसके मुखिया, नेतागण और अधिकारी मिलकर राज्य में अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए टेलीफोन टैपिंग का षड्यंत्र करते हैं।
राज्य की जनता को यह जानने का अधिकार है कि राजस्थान में किन-किन लोगों की निजता पर सरकार ने हमला किया है। इस बात का पर्दाफाश होना चाहिए, इसलिए मैंने यह एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर पर जांच हो और जो दोषी पाए जाएँ ,उनके साथ देश के कानून के अनुरूप व्यवहार हो।
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जोधपुर संसदीय क्षेत्र के प्रवास के दौरान रविवार को यहां मीडिया से रू-ब-रू हुए। शेखावत ने कहा कि एक तरफ तो पहले सरकार, उसके मुखिया, नेता और अधिकारी कहते हैं कि हम टेलीफोन टैप नहीं करते हैं। राजस्थान में इस तरह की परंपरा नहीं है, लेकिन फिर सरकार स्वीकारती कि हमने फोन टैप किए हैं।
विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल कहते हैं कि हमने लीगल तरीके से जो फोन टैपिंग किए हैं, अगर किसी एक रिकॉर्डिंग को मुख्यमंत्री के विशेषधिकारी ने मीडिया में प्रसारित किया है तो इसमें क्या दोष है, क्या अपराध किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार कह रही थी कि हमने किसी तरह की फोन टैपिंग नहीं की, तब मैंने इसको बहुत सहजता के साथ लिया था कि हो सकता है कि किसी ने छेड़छाड़ करके टैप बनाई होगी और मैंने इस विषय को समाप्त कर दिया था, लेकिन अब जबकि सरकार ने टैपिंग को स्वीकार किया और विधानसभा के पटल पर सरकार की तरफ़ से उत्तर देते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने स्वीकार ही कर लिया की हमने इंटर्सेप्शन किए और मुख्यमंत्री के कार्यालय ने उसे प्रसारित भी किया तो मैंने दिल्ली के तुगलक रोड थाने में एक शिकायत भेजी।
जाँच होनी चाहिए की किन किन के फ़ोन इंटर्सेप्ट किए गए, क्या उसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी की गई और जो इंटर्सेप्शन थे उसे किस किस के साथ साझा किया गया या किन अधिकारियों ने उन्हें किस क़ानून के तहत सार्वजनिक किया की जाँच जनहित में होना आवश्यक है और राजस्थान की जनता को जानने का अधिकार है।
राजस्थान के बजाय दिल्ली में रिपोर्ट दर्ज कराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब इस टैप के माध्यम से मेरे चरित्रहनन और मानसिक शांति को भंग करने का प्रयास किया गया, तब मैं दिल्ली में निवास कर रहा था, इसलिए मैंने वहां रिपोर्ट दर्ज कराई। क्या जांच करने में सीबीआई ज्यादा सक्षम है, के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये दिल्ली पुलिस का विषय है, वो खुद को सक्षम मानती है या सीबीआई या एनआईए को, यह वो तय करेगी।
जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या ये एफआईआर संजीवनी प्रकरण को काउंटर करने के लिए की गई है तो केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरी तीन पीढ़ियों का कोई भी रिश्तेदार न तो संजीवनी क्रेडिट कॉरपोरेटिव सोसायटी का प्राथमिक सदस्य है और ना ही किसी ने भी संजीवनी से ऋण लिया है और न ही कोई भी एक पैसा कोई डिपोजिट करवाया है।
मैंने कानून के अनुसार काम किया है। अगर मैंने कोई अपराध किया होता तो राजस्थान सरकार ने मुझे कब का उठाकर सलाखों के पीछे बंद कर दिया होता। ये कमर के नीचे प्रहार करना और अपनी सरकार की नाकामयाबी को छिपाने का प्रयास भर है। केंद्रीय मंत्री ने एक बार फिर कहा कि जोधपुर की जनता तो जरूर मानती है कि जब से उनका बेटा हारा है, तब से वो मारवाड़ और जोधपुर के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं।
दस दिनों में केस वापस क्यों लिया
शेखावत ने कहा कि उस समय जो फोन टैप को लेकर मुकदमे दर्ज किए गए थे। राष्ट्रद्रोह की धारा में देश के कैबिनेट मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। ताबड़तोड़ गिरफ्तारी की गईं। मैं आज पूछना चाहता हूं कि दस दिन बाद में किसने आपको यह बुद्धि दी या आपकी बुद्धि का उदय हुआ या किस तरह की लीगल राय आपके पास आई कि दस दिन बाद में आपने वो केस वापस ले लिए।
मुख्यमंत्री के साथ कॉफी पीने वालों के वाइस सैंपल क्यों नहीं लेते
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के चीफ व्हीप महेश जोशी, मंत्री प्रताप सिंह, शांति धारीवाल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि गजेंद्र सिंह अपना वाइस सैंपल क्यों नहीं देते? मैं पूछना चाहता हूं और जनता को बताना चाहता हूं कि कौन से मुकदमे में आप मेरे वाइस सैंपल मांग रहे हैं? आपने जिस मुकदमे में मेरे वाइस सैंपल की मांग भेजी थी, उस को आपने आठवें दिन वापस ले लिया, जब वो मुकदमा खत्म हो गया है तो किसमें मेरा वाइस सैंपल मांग रहे हैं। उन्होंने तंज कसा कि टैप में विश्वेंद्र सिंह और भंवर लाल शर्मा की आवाज होने का दावा किया जा रहा है, वो मुख्यमंत्री के साथ बैठकर कॉफी पी रहे हैं, पहले आप उनकी वाइस रिकॉर्ड क्यों नहीं करते हो।
सरकार ने किए अपने ही जन प्रतिनिधियों के फोन टैप
शेखावत ने कहा कि मुझे ऐसा बताया गया है कि (मैं अधिकारिक रूप से टिप्पणी नहीं कर रहा हूं) पर राजस्थान सरकार ने अपनी सरकार को बनाए रखने के लिए अपने जनप्रतिनिधियों के फोन टेप कर रखे हैं। मुझे ऐसा पुलिस के अधिकारियों ने व्यक्तिगत स्तर पर बातचीत में बताया है। जनप्रतिनिधि होने के नाते मैंने अपने धर्म का पालन किया है। इस व्यवस्था की जांच हो और इसे रोका जाए।