ईआरसीपी के संबंध में आर्थिक कार्य विभाग से नहीं मिला प्रस्ताव

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में दी जानकारी

नई दिल्ली, महत्वाकांक्षी ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) का मुद्दा आए दिन राज्य में उठता रहता है, लेकिन केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रोजेक्ट के संबंध में आर्थिक कार्य विभाग से जलशक्ति मंत्रालय को कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। राज्यसभा में ईआरसीपी को लेकर सांसद रामकुमार वर्मा ने प्रश्न पूछा था, जिसके उत्तर में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि जल राज्य विषय है। इसलिए सिंचाई और पेयजल का विकास संबंधित राज्य सरकारों के कार्यक्षेत्र में आता है।

इस प्रकार सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं की प्लानिंग, निष्पादन, संचालन और रख-रखाव राज्यों द्वारा अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार स्वयं के संसाधनों से किया जाता है। उन्होंने बताया कि जलशक्ति मंत्रालय सिंचाई और बहुउद्देशीय परियोजनाओं के लिए तकनीकी-आर्थिक दृष्टि से मंजूरी देने से पहले इनकी अंतर-राज्य तथा अन्य तकनीकी पहलुओं की दृष्टि से जांच करता है।

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उन्होंने ने बताया कि राज्य सरकारें अपनी आवश्यकताओं के अनुसार बाहरी सहायता के माध्यम से वित्त पोषण के लिए प्रस्ताव आर्थिक कार्य विभाग को भेजती हैं। यह मंत्रालय, जब कभी ऐसे प्रस्ताव आर्थिक कार्य विभाग से प्राप्त होते हैं, उनकी जांच केंद्रीय जल आयोग में करवाता है। शेखावत ने स्पष्ट किया कि ईआरसीपी के संबंध में आर्थिक कार्य विभाग से ऐसा कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।

उन्होंने बताया कि ईआरसीपी के लिए राजस्थान सरकार ने तकनीकी- आर्थिक मूल्यांकन 28 नवंबर 2017 को प्रस्तुत किया था। इस प्रस्ताव में पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों और रास्ते में पड़ने वाले कस्बों, गांवों तथा टैंकों के साथ-साथ निकटवर्ती कमान क्षेत्र को पेयजल, सिंचाई व औद्योगिक जल उपलब्ध करने की परिकल्पना की गई है। इस प्रोजेक्ट की 50 प्रतिशत भरोसेमंद मुनाफे पर योजना बनाई गई है।

सीडब्ल्यूसी द्वारा यह सुझाव दिया गया है कि या तो इस परियोजना को 75 प्रतिशत भरोसेमंद मुनाफे के आधार पर संशोधित किया जाए या यदि राजस्थान अभी भी इस परियोजना की योजना 50 प्रतिशत भरोसेमंद मुनाफ के आधार पर बनाना चाहता है तो मध्य प्रदेश सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र करना होगा।

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