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एनिमल लवर ऑर्गेनाइजेशन प्रकरण में जांच के आदेश

जोधपुर,राजस्थान उच्च न्यायालय ने एनिमल लवर ऑर्गेनाइजेशन प्रकरण में जांच के आदेश दिए है। 15 दिन के भीतर-भीतर पुलिस अधीक्षक एवं अनुसंधान अधिकारी के समक्ष अभ्यावेदन मय दस्तावेज प्रस्तुत करने के आदेश दिए। राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की पीठ ने आपराधिक एकलपीठ याचिका को निर्णित करते हुए याची जय सांखला के प्रकरण में जांच के आदेश प्रदान किए। एसएन मेडिकल कॉलेज पशु प्रेमी प्रकरण में याची के अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे ने बताया कि पूर्व में डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जन डॉ.रंजनीश गाल्वा के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग को लेकर पशु प्रेमियों द्वारा अधीक्षक डॉ. दिलीप कच्छवाहा के घर के बाहर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया था।

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तब पशु प्रेमियों ने शास्त्रीनगर थाने के बाहर से मथुरादास माथुर अस्पताल के बाहर तक पैदल रैली निकाली थी। तब भीड़ में शामिल एक युवक ने युवती से छेडख़ानी कर डाली थी। इस पर पशु प्रमियों ने उसकी धुनाई कर दी थी। घटनाक्रम में पुलिस ने डॉग होम फाउन्डेशन के संचालक सहित अन्य को राजकार्य में बाधा व मारपीट के मुकदमें में गिरफ्तार किया था और सभी को पुलिस उपायुक्त जोधपुर के समक्ष शांति भंग में गिरफ्तार करने के बाद एक अन्य प्रकरण कर पुन: गिरफ्तार कर लिया था।

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उस समय घटनाक्रम में पुलिस ने रास्ते चलते याची को भी गिरफ्तार कर लिया था। जबकि याची न तो एनिमल लवर ऑर्गेनाइजेशन का सदस्य है,न ही आंदोलन में सम्मिलित था और न ही उसके द्वारा किसी के साथ अभद्र व्यवहार किया गया था वह छात्र है। प्रकरण में उसकी कोई संलिप्तता नही होने के बावजूद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रकरण में सुनवाई कर न्यायालय ने याची को 15 दिन के भीतर-भीतर पुलिस अधीक्षक एवं अनुसंधान अधिकारी के समक्ष अभ्यावेदन मय दस्तावेज प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। यह भी आदेश दिए हैं कि संबंधित अधिकारी 30 दिन के भीतर अभ्यावेदन का कठोरता से विधि सम्मत निस्तारण कर कार्रवाई करें। सरकार की ओर से एएजी अनिल जोशी,एसएचओ कैलाश दान एवं याची की ओर से अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे उपस्थित हुए और याचिका का निस्तारण कर दिया गया।

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