अरना झरना मरु संग्रहालय लिम्का बुक रिकॉर्ड में दर्ज

-2023 के रिकार्ड में किया दर्ज

जोधपुर,शहर के अरना झरना मरु संग्रहालय को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2023 में दर्ज किया गया है। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स कीर्तिमान भारतीयों और भारत सम्बंधित अद्भुत चीजों को रिकार्ड्स में दर्ज करने वाली भारतीय मूल की रिकॉर्ड पुस्तक है, जिसमें संरचना,शिक्षा,रक्षा, सरकार,विज्ञान और प्रौद्योगिकी,साहसिक कार्य, व्यवसाय, सिनेमा, प्राकृतिक दुनियां, साहित्य और कला शामिल हैं।

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रूपायन संस्थान के संचालक कुलदीप कोठारी ने बताया कि पद्मभूषण कोमल कोठारी ने जहां अकादमीय शिक्षा प्रणाली से मौखिक ज्ञान पद्धति की तरफ अपने आपको मोड़ा और लोक में व्याप्त विविध प्रदर्शनात्मक कलाओं के मूल को जानने के लिए लगभग 50 वर्ष तक गंभीर शोध कार्य किया था।अरना झरना मरु संग्रहालय कोमल दा के उसी परिकल्पना का मूर्त रूप है जहां ज्ञान के वैज्ञानिक रूप की प्रक्रिया का प्रारंभ हुआ था। लोक ज्ञान के मूल तत्त्व जानने वालों के लिए यह संग्रहालय देश-विदेश के संग्रहालयों में एक शोध केन्द्र के रूप में विकसित हुआ है।

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इस संग्रहालय में मक्का,बाजरा एवं ज्वार क्षेत्र के आस-पास विकसित वनस्पति से निर्मित मनुष्य की दैनिक उपयोग हेतु साधारण कला कौशल से निर्मित तीनो खाद्यान क्षेत्र के 160 प्रकार झाड़ू के साथ प्रर्दशनात्मक लोक कलाओं एवं पेशेवर कलाकारों की मूर्त कलाओं की प्रर्दशनी और उससे संबंधित लोक विश्वास,लोक धारणाएं विशेष शोध के साथ प्रदर्शित की गई हैं। आज उसी का नतीजा है कि अरना झरना मरु संग्रहालय को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2023 में दर्ज किया गया है।

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