अब साढ़े तीन महीने तक नहीं गूंजेगी शहनाईयां

जोधपुर, शहनाइयों की गूंज अब आगामी साढ़े तीन महीनों के लिए थम चुकी है। ज्योतिषविदों ने बताया कि देवशयनी एकादशी के बाद इस बार अधिकमास होने से पांच महीने बाद 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी से शुभ कार्यों की शुरुआत हुई थी। कोरोनाकाल में इस बार मार्च से ही शुभ कार्य नहीं सके, लेकिन अनलॉक के बाद नवंबर के अंतिम दिनों और दिसंबर की शुरुआत में बड़ी संख्या में शादियां हुई। अब 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास रहेगा। इसके बाद 16 जनवरी से 16 फरवरी तक गुरु का तारा अस्त होने से शुभ कार्य नहीं होंगे। इससे पूर्व ही 14 फरवरी से शुक्र का तारा अस्त हो जाएगा। जो 23 अप्रेल को उदय होगा। इसी बीच 15 मार्च से 13 अप्रेल तक मल का मास भी रहेगा। जिससे 23 अप्रेल तक कोई शुभ कार्य नहीं होंगे। इसके बाद विवाह, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश, मंदिर निर्माण होंगे। इस बीच 16 फरवरी को बसंत पंचमी, 15 मार्च को फुलेरा दोज व 21 अप्रेल को रामनवमी का अबूझ सावा रहेगा। बड़ी संख्या में हर साल तीनों अबूझ सावों पर हजारों की तादाद में शादियां होती है लेकिन इस बार तीनों सावों पर गुरु या शुक्र के तारे अस्त रहेंगे। साल-2020 में जनवरी से 15 मार्च तक 19 मुहुर्त थे। 15 मार्च से मलमास लग गया था। इसके बाद फिर लॉकडाउन में अप्रेल से जून तक 23 मुहूर्त बिना शुभ कार्यों के ही निकल गए। देवउठनी एकादशी से 11 दिसंबर तक महज सात विवाह मुहूर्त रहे। इस प्रकार 47 मुहूर्त में से महज 24 मुहूर्त में ही शहनाइयां गूंजीं। फरवरी, मार्च और अप्रेल में एक-एक अबूझ सावे, अप्रेल में शहनाइयां गूंजेगी। 2021 में 50 से ज्यादा दिन शादियां होगी। 2021 में विवाह के लिए 55 दिन से ज्यादा मुहूर्त रहेंगे। शुरू के साढ़े तीन महीने छोड़ अप्रेल में 25, 26, 27, 30 मई में 2,4, 7, 8,13, 21, 22, 23, 24, 26, 29, 30, 31 जून में 4,5,6,19,20, 24, 26, 27,28, 30, जुलाई में 1, 2, 3, 6, 7,15, नवंबर में 20, 21, 22, 28, 29, 30 और दिसंबर में 1, 6, 7, 8, 9, 11, 13, 14 दिसंबर को शादियां होगी। 14 मई को अक्षय तृतीया, 20 मई को जानकी नवमी, 26 मई को पीपल पूर्णिमा, 20 जून को गंगा दशमी, 21 जून को निर्जला एकादशी, 18 जुलाई का भड़ल्या नवमी व 20 जुलाई का देवशयनी एकादशी का मुहूर्त रहेगा।

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