न पिता की न दोस्तों की समझाइश काम आई,जवान ने आखिरकार खुद की जीवनलीला समाप्त कर ली

– सीआरपीएफ 16 घंटे की समझाइश नाकाम

– गर्दन के ठोडी के नीचे राइफल रख दबाया ट्रिगर

– पत्नी व बच्ची को बंधक बनाकर रविवार शाम से करता रहा फायरिंग -अवसाद ग्रस्त था

– मेडिकल बोर्ड से कराया पोस्टमार्टम -शव सीआरपीएफ को सुपुर्द

– राजकीय सम्मान से मंगलवार को किया जाएगा दाहसंस्कार

जोधपुर, शहर के दइजर स्थित पालड़ी खिंचियान के केंद्रीय सुरक्षा रिजर्व बल प्रशिक्षण केंद्र में रविवार शाम से ही दहशत का माहौल था। सीआरपीएफ के जवान ने खुद को पत्नी और बच्ची के साथ घर में कैद कर फायरिंग करता रहा। सोमवार की सुबह साढ़े 11 बजे के आस पास उसने खुद को गोली मार ली। गर्दन के पास ठोडी के नीचे राइफल को रख ट्रिगर दबा दिया। गोली की आवाज पर वहां मौजूद पुलिस अफसरों हडक़ंप मच गया।

गोली चलते ही घर में मौजूद जवान की पत्नी विलाप करने के साथ दरवाजा खोला। सहमी रही मासूम आठ साल की बच्ची। पुलिस उपायुक्त डॉक्टर अमृता दुहन ने बताया कि जवान की मौत हो गई है। अग्रिम कार्रवाई जारी है। वक्त घटना पुलिस कमिश्रर, डीसीपी, सीआरपीएफ के अधिकारी मौके पर मौजूद थे।

कमिश्नर रविदत्त गौड़ व सीआरपीएफ डीआईजी भूपेंद्र भी मौके पर पहुंचे और जवान को समझाने के प्रयास करते रहे। आरंभिक पड़ताल में उसके अपने अधिकारियों से नाराजगी होने का भी का पता लगा। ऐसा बताया जाता है कि डीआईजी के साथ हुई बोलचाल को लेकर आहत था। जवान नरेश जाट का ट्रेनिंग सेंटर में घर है। उसने अपने घर से हवा में फायर किए थे। बताया जा रहा है कि जवान ने कुल आठ दस हवाई फायर अपने घर की बालकनी से किए थे।

नरेश पाली जिले के राजोला का रहने वाला था। नरेश का भाई पुलिस विभाग पाली में हेड कांस्टेबल है। इधर, नरेश के पिता को भी रात में गांव से बुलाया गया है ताकि वह नरेश को समझाया जा सके।

पिता किसान,एक भाई पाली में हैडकांस्टेबल

करवड़ थानाधिकारी कैलाशदान ने बताया कि जवान नरेश जाट के पिता लिखमाराम जाट किसान वर्ग से हैं। एक भाई पुखराज है जो पाली जिला पुलिस में हैडकांस्टेबल के पद पर लगा हुआ है।

चार मंजिल पर बना है क्वार्टर

नरेश जाट दइजर स्थित पालड़ी खिंचियान के सीआरपीएफ के सरकारी क्वार्टर में रहता था। वह पिछले दो ढाई साल से यहां पर ही पोस्टेड था। चौथी मंजिल पर वह क्वार्टर में पत्नी व एक बच्ची के साथ रहता था।

इंडियन स्माल आर्म सिस्टम की लाइट मशीन गन थी

नरेश जाट के पास में इंडियन स्माल आर्म सिस्टम की लाइट मशीन गन थी। उसने उससे रविवार को कई राउण्ड फायर किए थे। आज सुबह गर्दन के पास ठोडी के नीचे इसे रखकर ट्रिगर दबा दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मेडिकल बोर्ड से कराया पोस्टमार्टम,

मंगलवार को होगा राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार

एसीपी मंडोर राजेंद्र प्रसाद दिवाकर ने बताया कि मृतक जवान नरेश जाट के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा सीआरपीएफ को सुपुर्द किया गया है। मंगलवार को सीआरपीएफ की तरफ से राजकीय सम्मान के साथ विदाई देकर शव उसके पैतृक गांव राजोला पाली भेजा जाएगा।

पिता, दोस्तों व साथ काम करने वालों की समझाइश भी नहीं आई काम

पुत्र नरेश जाट के अपने क्वार्टर में पत्नी व बच्ची को बंद कर हवाई फायरिंग की जानकारी पर पिता लिखमाराम राजोला गांव से जोधपुर आए थे। रविवार रात से ही वे समझाइश करते रहे। दोस्तों और उसके साथ काम करने वाले कार्मिकों ने भी समझाइश का प्रयास किया मगर वे नाकाम रहे। आखिरकार नरेश ने खुद को सोमवार की सुबह गोली मार कर खत्म कर लिया।

क्वार्टर में बने हैं दो कमरे,गोली का खोल बरामद

एसीपी राजेंद्र प्रसाद दिवाकर के अनुसार क्वार्टर में दो कमरे बने हैं। पत्नी व बच्ची भी वहां थे मगर उन्हें कोई नुकसान नरेश जाट ने नहीं पहुंचाया। गोली ठोडी से निकल कर सिर के पार कर गई। मौके से पुलिस ने बाद में खोल को बरामद कर लिया है।

अवसाद के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं, घरेलु या फिर ऑफिशियल

पुलिस आयुक्त रविदत्त गौड़ के अनुसार उसके आत्महत्या के पीछे का कारण स्पष्ट तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। वह घरेलु परेशानी में था या ऑफिशियल तौर पर परेशान था, इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा। यह जांच का विषय है। उसका क्वार्टर चौथी मंजिल पर था।

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