एमआई ज़ाहिर,आलोक श्रीवास्तव और सरवत ख़ान ने जमाया रंग

एमआई ज़ाहिर,आलोक श्रीवास्तव और सरवत ख़ान ने जमाया रंग

-उदयपुर लिटरेचर फे​स्टिवल रूह- मेला का आयोजन

उदयपुर,उर्दू की कहानी,सुख़न का सफर और शाइरी का जादू। शाइर व वरिष्ठ पत्रकार एमआई ज़ाहिर, आलोक श्रीवास्तव और विख्यात कथाकार डॉ.सरवत ख़ान ने दिलचस्प पेशकश से खूब रंग जमाया। यह रचनात्मक संस्था मौलिक आर्गेनाइजेशन ऑफ क्रिएटिव एंड परफॅार्मिंग आटर्स सोसाइटी उदयपुर की मेज़बानी में मोहनलाल सुखाडि़या यूनिवर्सिटी के बप्पा रावल सभागार में आयोजित चार दिवसीय राजस्थानी, उर्दू और हिन्दी के उदयपुर लिटरेचर फे​स्टिवल रूह-मेला का नज़ारा। इस दौरान खूबसूरत चित्रकारी,गज़ल गायन और सृजन का करिश्मा से भी साहित्य कला व संस्क़ृति की खुशबू बिखरी। कार्यक्रम में साहित्य,संगीत, गायन,चित्रकला,अदाकारी व मूर्तिकला की मशहूर ह​स्तियों ने अपने फन का जादू बिखेर कर मंत्रमुग्ध कर दिया। खास बात यह थी कि पूरे सभागार को खूबसूरत चित्रकारी और कलात्मक वस्तुओं से सजाया गया था।

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फे​स्टिवल का दूसरा दिन उर्दू के नाम रहा। इस दौरान शाइर पत्रकार और एन्कर आलोक श्रीवास्तव ने आलोकनामा प्रोग्राम के दौरान शाइरी का जादू जगाया। शाइरी…कल आज और कल…सत्र में उर्दू के शाइर व पत्रकार एमआई ज़ाहिर,मशहूर अदाकार व कलमकार महेंद्र मोदी, प्रख्यात कथाकार राजस्थान उर्दू अकादमी की सदस्य व कन्वीनर डॉ सरवत ख़ान,मोहनलाल सुखाडि़या यूनिवर्सिटी में उर्दू विभागाध्यक्ष डाॅ हदीस अन्सारी और युवा शाइर अश्विनी मित्तल ने उर्दू शाइरी के सफर पर दिलचस्प गु़फ्तगू की। इसके बाद.. सिनेमा में उर्दू और ​हिन्दी की नज़दीकियां..सत्र में वैभव मोदी और रजत मेघनानी ने चर्चा की। ग़ज़ल गायन के संग पे​न्टिंग बनाने के सेशन में भूपेंद्र पंवार,कोमल बारहठ,हेमंत जोशी,चेतन औदिच्य,सुनील लड्ढा, डॉ.चित्रसेन,दर्शना राजवैदय,नमित कडि़या,नीलोफर मुनीर और भावेश सुथार ने अपने फन का जादू दिखाया। इस दौरान कलमकारों और फनकारों को दुशाले से नवाज़ा गया।

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पहले दिन 24 मार्च को आयोजित राजस्थानी भाषा के पहले सत्र में डॉ अर्जुनदेव चारण,डाॅ आईदानसिंह भाटी,मधु आचार्य आशावादी, पुरुषोत्तम पल्लव,प्रमोद शर्मा,सुरेश सालवी ने भागीदारी निभाई। दूसरे सत्र में राजवीरसिंह चलकोई,हरीश बी शर्मा,जगदीश गुर्जर व काजल वर्मा ने ​शिरकत की। राजस्थानी भाषा काव्य पाठ सत्र में पुरुषोत्तम पल्लव, मोहनलाल जाट,मोनिका गौड़, छत्रपाल ​शिवाजी,विमला मेहरिया, नरेंद्रसिंह रावल स​म्मिलित हुए। इसी तरह साहित्य और अध्यात्म यात्रा सत्र में श्रीकृष्ण जुगनू,पुष्कर गुप्तेश्वर, डॉ.लोकेश राठौड़ और रेखा शर्मा ने ​​शिरकत की। संगीत सत्र में रैपर तनिष्क,रचिता पालीवाल,रूद्रादित्य पालीवाल,हारमोनियम पर प्रथम पाठक और तबले पर त्रीजल पालीवाल ने साथ निभाया। तीसरा दिन 26 मार्च हिन्दी के नाम रहा। जिसमें हिन्दी के मशहूर साहित्यकारों व रंगकर्मियों भानु भारती,प्रतापराव, भंवरलाल वास,चेतन औदिच्य,अनुज गर्ग,दिनेश पंत,कुंजन आचार्य व शुभम आमेटा ने ​शिरकत की। संस्थापक निदेशक डाॅ ​​​शिवराज सोनवाल,मेला निदेशक कपिल पालीवाल,संस्थापक अध्यक्ष महेश आमेटा,कला संयोजक हेमंत जोशी,मेला सह संयोजक रेखा शर्मा,मीडिया संयोजक गौरीकांत शर्मा,मेला सलाहकार अ​निल दाधीच व मेला सलाहकार आशीष हरकावत ने खूबसूरत कलात्मक व साहि​त्यिक मेला सजाया। कार्यक्रम के दौरान कला प्रेमियों की अच्छी खासी उपस्थिति रही।

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