जोधपुर दो भागों बंट गया, अंदररूनी इलाके का बाहरी लोगों से संपर्क टूटा

  • पुलिस एजेंसियों का ले रही सहारा -दंगों के पीछे की कहानी में किसका हाथ?
  • मुख्य आरोपी का तय करने में लगेगा समय
  • निर्दोषों के साथ होगा न्याय
  • दंगई पहुंचेंगे हवालात

जोधपुर, अपणायत और शांति की मिसाल समझा जाने वाला जोधपुर अब सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले में हुए सांप्रदायिक दंगे ने जता दिया कि जोधपुर की जनता अब पहले जैसी सुरक्षित नहीं है। पुलिस भले ही अब कितनों को पकड़ कर अंदर डाल दे, मगर भीतरी शहर के लोग इस दंश को शायद ही भूल पाएं। हालांकि पुलिस ने दावा किया है कि शहर में हुए धार्मिक उन्माद में उपजे विवाद में किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। निर्दोषों के साथ न्याय होगा। बिना वजह किसी को फंसाया नहीं जाएगा। पुलिस एक-एक कदम अब फूंक-फूंक कर उठा रही है। इसमें दो राय नहीं है कि दस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने के बाद शांति कायम हो गई। मगर कर्फ्यू को कब कितना खोलना है शहर के लोगों में प्रश्न बना हुआ है। शहर के भीतरी भाग में रहने वाले लोगों का बाहर बसे लोगों से संपर्क टूट सा गया है। बाहरी इलाके निर्बाध रूप से गतिशील है। मगर भीतरी शहर में सन्नाटा पसरा है। कोई हलचल नहीं हो रही है। बाहरी लोग भी अंदर नहीं जा पा रहे हैं।

अब तक दंगों के 20 आरोपी पकड़े

एसीपी पश्चिम चक्रवर्ती सिंह राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सोमवार की रात और मंगलवार को हुए विवाद में पुलिस ने अब तक 14  प्रकरण दर्ज किए है। 20 लोगों को दंगा,बलवा,मारपीट,हिंसक गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा कर्फ्यू उल्लंघन और विवाद में शामिल सौ से ज्यादा लोगों को शांतिभंग में पकड़ा गया है। पुलिस किसी निर्दोष के साथ अन्याय नहीं होने देगी। मगर दोषियों की सख्त रूप से पहचान कर जेल की हवा खिलाई जाएगी। पुलिस के साथ सुरक्षा एजेंसियां भी काम कर रही हैं। जो सीसीटीवी फुटेजों,अभय कमांड कंट्रोल का सहारा लेकर बदमाशों का पता लगाने में जुटी हैं। विवाद में मुख्य आरोपी की पहचान भी की जाएगी। मुख्य आरोपी किसे बनाया जाए फिलहाल पुलिस को इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।

पुलिस सुरक्षा एजेेंसियों के मार्फत यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इतने बड़े विवाद में किसका हाथ है। कोई बाहरी तो नहीं है या कोई साजिश के तहत यह किया गया है। फिलहाल इस बारे में पुलिस के पास जवाब नहीं है। पुलिस ने भी अपनी तरफ से तीन एफआईआर दर्ज की है।

सीएलजी बैठकों का दौर आरंभ, दस थाना क्षेत्रों मे हो रही बैठकें

पुलिस अब इस प्रयास में है कि शहर में फिर से शांति और सौहार्द कायम हो। इसके लिए अब फिर से सीएलजी बैठकें आरंभ कर दी हैं। कमिश्नरेट के जिला पश्चिम और पूर्व में दस थाना क्षेत्रों कर्फ्यू लगा है। ऐसे में अब पुलिस ने इन सभी में सीएलजी बैठकें आरंभ कर दी हैं। सरदारपुरा, सूरसागर,प्रतापनगर, प्रतापनगर सदर, देवनगर के साथ जिला पूर्व में नागौरी गेट,सदर बाजार,सदर कोतवाली, खांडाफलसा एवं उदयमंदिर में सीएलजी बैठकों का दौर आरंभ हो गया है।

जालोरी गेट चौकी पर कलेक्टर ने सीएलजी बैठक

जालोरी गेट चौकी पर जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता सहित पुलिस की 10-12 अफसरों ने मिलकर विभिन्न समाजों के लोगों के साथ सीएलजी बैठक  की। कर्फ्यू कब खोलना और हालात सामान्य होने तक के बारे में बातचीत की गई।

पुलिस ने अब लगाने शुरू कर दिए टेंट

भीषण गर्मी में पुलिस के जवान कोरोना काल में दो साल तक अपनी ड्यूटी करते रहे। इस बार फिर से कोरोना काल का समय याद आ गया। पुलिस अब कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों के लिए टेंट लगाकर बैठी है। जहां पर चाय पानी की व्यवस्था भी की गई है।

भीतरी शहर में सन्नाटा,प्रतिष्ठान बंद

शहर के अंदर बिलकुल सन्नाटा पसरा हुआ है। हमेशा चहलकदमी वाले भीतरी शहर में सन्नाटा हर किसी को खल रहा है। शोर शराबा और तंग गलियों में फंसते वाहनों को लेकर रोज रोज की चिकचिक तीन दिनों से थमी पड़ी है।

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर घुमरिया कर रहे समीक्षा

शहर के भीतर बिगड़े हालातों पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हवासिंह घुमरिया पुलिस अधिकारियों के साथ बराबर समीक्षा कर रहे हैं। हर पल फीडबैक ले रहे हैं ताकि शांति और सौहार्द जल्द कायम हो सके। पुलिस आयुक्त नवज्योति गोगाई भी उनके साथ बराबर जुटे हुए हैं।

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