आयुर्वेद के भारतीय ज्ञान को युगानुकूल बनाते हुए इसका वैश्विक प्रसार हो-राज्यपाल
- तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयुर्वेद औषध मानकम शुरू
- राज्यपाल ने आयुर्वेदिक औषधियों पर पर शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने पर दिया जोर
जोधपुर,आयुर्वेद के भारतीय ज्ञान को युगानुकूल बनाते हुए इसका वैश्विक प्रसार हो-राज्यपाल। राज्य के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि आयुर्वेद के भारतीय ज्ञान को युगानुकूल बनाते हुए इससे जुड़ी दुर्लभ औषधियों का पेटेंट, प्रमाणीकरण और इसके स्वास्थ्य वर्धक गुणों का अधिकाधिक प्रसार किया जाए। उन्होंने आयुर्वेदिक औषधियों पर पर शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ असाध्य रोगों में भी इनके उपयोग के परीक्षण और प्रसार की दिशा में कार्य करने आह्वान किया है।
राज्यपाल बागड़े गुरुवार को जोधपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘आयुर्वेदिक औषधि मानकम-चुनौतियां और समाधान’ विषयक अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक औषधियों की ब्रांडिग और पैकेजिंग भी इस तरह से हो कि वह उपयोग के लिए आकर्षित करे। उन्होंने इनके विपणन की कारगर नीति पर भी कार्य करने पर जोर दिया।
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राज्यपाल ने प्राचीन भारतीय आयुर्वेद ज्ञान की चर्चा करते हुए आत्रेय,चरक,सुश्रुत आदि द्वारा प्रवर्तित चिकित्सा प्रणालियों के उपयोग और संभावनाओं पर कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे आयुर्वेद के महान ज्ञान को सुनियोजित तरीके से देश से बाहर ले जाया गया। उस ज्ञान में कुछ हेर-फेर कर उसे अपना बनाने के प्रयास निरंतर हुए। इसलिए यह जरूरी है कि जो उपलब्ध ज्ञान हमारा है,आयुर्वेद की दुर्लभ औषधियां हैं-उनके पेटेंट की दिशा में निरंतर कार्य हो।
उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय में आयुर्वेद के महान ज्ञान से जुड़ी किताबों की चर्चा करते हुए कहा कि बख्तियार खिलजी ने देश के उस महान ज्ञान को सदा के लिए समाप्त करने के लिए नालंदा पुस्तकालय में आग लगा दी। पर भारतीय ज्ञान को कोई मिटा नहीं सका है। उन्होंने आयुर्वेदाचार्यों से आग्रह किया कि वे प्राचीन भारतीय ज्ञान की धरोहर को जन-जन तक सुलभ कराएं। उन्होंने औषधीय प्रयोजनों के लिए जड़ी- बूटियों के उपयोग और लिखित ग्रंथों के महत्व पर भी कार्य करने पर जोर दिया।राज्यपाल ने इससे पहले विश्वविद्यालय के अंतर्गत बने होम्योपैथी महाविद्यालय के भवन का लोकार्पण भी किया।
प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान को विकसित और समृद्ध प्रदेश बनाना है। प्रदेश सरकार राजस्थान के विश्वविद्यालयों के सर्वांगीण विकास के प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है।
पटेल ने कहा आयुर्वेद प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है जो शरीर,मन और आत्मा का संतुलन बनाए रखने में सहायक है। आयुर्वेद रोगों की रोकथाम और व्याधि के उपचार के रूप में संपूर्ण विश्व में लोकप्रिय है। उन्होंने औषधीय पादप आक के आयुर्वेदिक गुणों के बारे जानकारी दी। उन्होंने कहा मार्च 2025 तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 52000 पदों की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। जिसमें आयुर्वेद विभाग के रिक्त पदों को भी भरा जाएगा। इस वर्ष एक लाख एवं 5 वर्ष में 4 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी।
देश विदेश के विशेषज्ञ देंंगे तीन दिन व्याख्यान
तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस औषध मानकम का उद्घाटन राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने किया। कुलपति प्रो.वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल और कुलाधिपति हरिभाऊ बागड़े अध्यक्षता की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ‘गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में उपस्थित थे।
देश-विदेश के 344 विशेषज्ञ करेंगे मंथन
आयुर्वेद विश्वविद्यालय में वैश्विक आयुर्वेद विशेषज्ञ अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेने के लिए आए हैं। आयुर्वेदिक औषधियों के मानकीकरण पर देश-विदेश के 344 विशेषज्ञ मंथन करेंगे। औषध मानकम में 8 देशों और 13 राज्यों के प्रतिभागी 260 शोधपत्रों का वाचन करने के साथ आयुर्वेदिक शोध और मानकीकरण पर 6 एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। लगभग 500 प्रतिभागियों के साथ ‘औषध मानकम में भाग लेंगे।
पूर्व में राज्यपाल बागड़े,मंत्री जोगाराम पटेल व अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति,कुलसचिव प्रो.गोविंद सहाय शुक्ल,पूर्व कुलपति प्रो बीएल गौड़,उत्तराखंड विश्वद्यालय के वाइस चांसलर अरुण कुमार त्रिपाठी,गुजरात आयुर्वेद विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एसएस सावरीकर,एम्स जोधपुर के अध्यक्ष डॉ एसएस अग्रवाल,प्रबंध मंडल के सदस्य, अन्य निकायों के सदस्य, विश्वविद्यालय के शिक्षक,अधिकारी सहित विद्यार्थी उपस्थित थे।