लोक वाद्य निर्माण कार्यशाला का शुभारम्भ

  • मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बोराणा ने किया कार्यशाला का उद्घाटन
  • बोराणा को राज्य मंत्री का दर्जा मिलने के बाद पहली बार जोधपुर आने किया अभिनन्दन

जोधपुर,राजस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा 2 अक्टूबर को गांधी जयन्ती के अवसर पर अकादमी कार्यालय में लोक वाद्य निर्माण कार्याशाला का शुभारम्भ हुआ। कार्याशाला का उद्घाटन राजस्थान मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री)रमेश बोराणा के कर कमलो से हुआ। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष बिनाका जेश मालू ने बताया कि लोकवाद्य निर्माण की यह कार्याशाला 2 अक्टूबर से 1 नवम्बर 2022 तक अकादमी कार्यालय में चलेगी।

उन्होंने बताया कि कार्याशाला में इब्राहिम लंगा द्वारा पारम्परिक लोक कला से जुड़े परिवार के किशोर को लोक वाद्य सांरगी,कमायचा,सुरिन्दा एवं रबाब आदि वाद्य बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्याशाला का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में लुप्त हो रहे लोक वाद्यों का संरक्षण करना है।

inauguration-of-folk-instrument-making-workshop

इस अवसर पर रमेश बोराणा, उपाध्यक्ष, राजस्थान मेला प्राधिकरण को राज्य मंत्री का दर्जा दिये जाने के बाद प्रथम बार जोधपुर आने पर अकादमी अध्यक्ष बिनाका जेश मालू द्वारा उनका पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मान किया गया। सम्मान की कड़ी में अकादमी सदस्य शब्बीर हुसैन,रमेश भाटी के साथ स्थानीय रंगकर्मियों एवं अनेक गणमान्य व्यक्तियों द्वारा बोराणा का सम्मान किया गया।

इस अवसर पर बोराणा ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझे पहले मेला प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया और अब राज्य मंत्री का दर्जा देकर जो गौरव प्रदान किया है उसके लिए मैं उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। उन्होंने कहा कि उनका और मेरा एक सम्बन्ध है चाहे राजनेता के रूप में,बड़े भाई के रूप में या एक दोस्त के रूप में 48 वर्ष की लंबी यात्रा में मैं उनके साथ हूँ। उनका भरोसा,विश्वास सदैव मेरे साथ रह है।

इसी आधार पर राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में मैंने काम करने का प्रयास किया है। बोराणा ने कहा कि इस बार कोरोना के बाद जो मेले राज्य में हुए उनमें पहले से दोगुने लोग आए,चूंकि जगह तो उतनी ही है इस कारण छोटी मोटी दुर्घटनाएं हो जाती हैं लेकिन मुख्यमंत्री की भावना के अनुरूप मेलों में ऐसा प्रबंधन किया कि किसी प्रकार की दुर्घटना न घटे,श्रद्धालु और लोग आसानी से दर्शन कर सकें और खुशी-खुशी अपने घर लौट सकें। लोगों में मेलों को लेकर अच्छा वातावरण है, मेले हमारी संस्कृति का एक हिस्सा हैं।

राज्य मंत्री बनने का बाद पहली बार जोधपुर आया हूँ, संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष बिनाका मालू ने लोक वाद्य निर्माण कार्यशाला आज से शुरू हो रही है इसमें आमंत्रित किया, चूंकि यह मेरे पसंद का विषय है इसलिए आ गया। उन्होंने बताया कि जब वे संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष बने थे तब भी लुप्त हो रहे लोक वाद्ययंत्र निर्माण की कार्यशाला आयोजित की थी क्योंकि अब इस देश में खासकर राजस्थान में अब ऐसे लोक वाद्य बनाने वाले कलाकार बहुत कम लोग हैं। इन्हें बनाने की जटिल प्रक्रिया है,अब बिनाका ने यह प्रयास किया और एक महीने की कार्यशाला अकादमी परिसर में लगाई है,जिसमे नई पीढ़ी को लोकवाद्य बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे हम यहां इन्हें संरक्षित कर सकेंगे जिससे आमजन और पर्यटकों को जानकारी होगी और हमारी विरासत संरक्षित होगी। इसके लिए उन्होंने अकादमी अध्यक्ष को साधुवाद दिया है।

इस अवसर पर संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष बिनाका जेश मालू ने कहा कि राजस्थान संगीत नाटक अकादमी ने लुप्तप्रायः वाद्य यंत्रों को बनाने की एक माह की कार्यशाल शुरू की है। इसी के साथ ही यह शुभ अवसर था कि अकादमी के पूर्व अध्यक्ष और राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष कला मर्मज्ञ रमेश बोराणा को राज्य मंत्री का दर्जा मिला और वे यहां आए ये सोने में सुहागा था कि इस कार्यशाला का उद्घाटन उनके हाथों हुआ और हम उनका स्वागत कर सके।

दूरदृष्टिन्यूज़ की एप्लिकेशन डाउनलोड करें-http://play.google.com/store/apps/details?id=com.digital.doordrishtinews