आईआईटी जोधपुर ने बनाया अल्ट्रा लाइट व अल्ट्रा स्ट्रॉन्ग सुपरमेटल
- 900 डिग्री तापमान में भी कारगर
- नया टाइटेनियम-एल्युमिनाइड मिश्र धातु (Titanium-Aluminide Alloy) मौजूदा सुपरएलॉय से आधा हल्का
- जेट इंजन के तापमान पर उतना ही मज़बूत
- एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में “मेक इन इंडिया” पहल के तहत एक बड़ी छलांग
जोधपुर(दूरदृष्टीन्यूज),आईआईटी जोधपुर ने बनाया अल्ट्रा लाइट व अल्ट्रा स्ट्रॉन्ग सुपरमेटल। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी) जोधपुर के शोधकर्ताओं ने एक क्रांतिकारी टाइटेनियम-एल्युमिनाइड (TiAl) मिश्र धातु विकसित की है, जो एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों में उपयोग की जा रही धातुओं को नई परिभाषा देने जा रही है। यह नया पदार्थ,जिसे TiAl-CA नाम दिया गया है,हल्की धातुओं के विकास से जुड़ी दशकों पुरानी चुनौतियों को हल करता है और कम वजन के साथ उच्चतापमान पर भी अभूतपूर्व मज़बूती प्रदान करता है।
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वर्तमान में विमान इंजनों में प्रयुक्त धातुएँ या तो बहुत भारी होती हैं या अत्यधिक तापमान पर अपनी मजबूती खो देती हैं। आईआईटी जोधपुर के प्रोफेसर एसएस नेने और उनके शोधार्थी एआर बालपांडे तथा ए.दत्ता (एडवांस्ड मटेरियल्स डिज़ाइन एंड प्रोसेसिंग ग्रुप, मटेरियल्स इंजीनियरिंग विभाग) द्वारा विकसित यह नया मिश्र धातु 900°C तापमान पर भी गीगापास्कल (GPa) स्तर की यील्ड स्ट्रेंथ बनाए रखता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह मिश्र धातु उच्च तापमान पर भी उत्कृष्ट ऑक्सीकरण प्रतिरोध (oxidation resistance) बनाए रखती है,जो एक बड़ा इंजीनियरिंग नवाचार है।TIAL-CA की विशेषता इसकी अनूठी संरचना में है। पूर्व में विकसित TiAl मिश्र धातुओं में बोरोन या कार्बन जैसे तत्वों को जोड़ना पड़ता था,जिससे वे भंगुर (brittle) और कठिन-संसाध्य हो जाती थीं।
आईआईटी जोधपुर की टीम ने बिना बोरोन के एक नया मिश्र धातु तैयार किया है,जिसमें नियोबियम (Nb),मोलिब्डेनम (Mo), टैंटलम (Ta),टंगस्टन (W) और वैनाडियम (V) जैसे धात्विक तत्वों को सटीक अनुपात में मैट्रिक्स है।TiAl में मिलाया गया इस वैज्ञानिक संयोजन ने इस मिश्र धातु को अत्यधिक मजबूत और लचीला बनाया है।
नई धातु कमरे के तापमान पर लगभग 1.1 GPa की यील्ड स्ट्रेंथ रखती है और 900°C पर भी यह मज़बूती बनाए रखती है। इसके वजन की तुलना में देखें तो यह पारंपरिक निकेल-आधारित सुपरएलॉय (जैसे IN718) से लगभग आधी घनत्व (4.13 g/cc) रखती है,जबकि पारंपरिक सुपर एलॉय की घनत्व 7.75 से 9.25 g/cc तक होती है। इसकी कार्यक्षमता असाधारण है।
इस अल्ट्रा लाइट और अल्ट्रा स्ट्रॉन्ग सुपरमेटल का सफल विकास ईंधन- कुशल एयरोइंजन निर्माण के लिए एक बड़ा लाभ सिद्ध होगा। इसका उपयोग एयरोस्पेस और रक्षा उपकरणों में करने से उनके घटकों का वजन कम होगा,ऊर्जा की बचत होगी और कार्बन उत्सर्जन भी घटेगा। शोधकर्ता अब बड़े स्तर पर ढलाई(casting) और क्रीप एवं फटीग (creep and fatigue) परीक्षणों की तैयारी कर रहे हैं, ताकि इस अगली पीढ़ी के पदार्थ को वास्तविक उपयोग में लाया जा सके।
इसके अलावा इस नई धातु की उत्कृष्ट as-cast विशेषताएँ इसे उन्नत 3D प्रिंटिंग तकनीकों जैसे इलेक्ट्रॉन बीम मेल्टिंग (EBM) और लेज़र पाउडर बेड फ्यूजन (LPBF) के लिए भी उपयुक्त बनाती हैं। यह कार्य विश्व प्रसिद्ध जर्नल Materials Horizons में प्रकाशित हुआ है,जिसे यहाँ पढ़ा जा सकता है।
https://pubs.rsc.org/en/content/articlelanding/2025/mh/d5mh01514f
आईआईटी जोधपुर के शोधकर्ताओं की यह उपलब्धि भारत की उन्नत सामग्री अनुसंधान (Advanced Materials Research) में बढ़ती सामर्थ्य का परिचायक है। TiAl-CA मिश्र धातु न केवल हल्के,मजबूत और टिकाऊ विमानों व रक्षा प्रणालियों के निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है,बल्कि यह ‘मेक इन इंडिया’ की भावना को साकार करता है। यह खोज भविष्य में उच्च-प्रदर्शन और उच्च तापमान पर काम करने वाली धातुओं के वैश्विक मानकों को पुनर्परिभाषित करने की क्षमता रखती है।
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