मजदूर किसान से राजमहल तक की भाषा है हिन्दी-प्रो.राठौड़
हिन्दी दिवस पर जेएनवीयू के हिन्दी विभाग में व्याख्यान आयोजित
जोधपुर,मजदूर किसान से राजमहल तक की भाषा है हिन्दी-प्रो.राठौड़। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में हिन्दी दिवस के अवसर पर समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते हुए प्रो.किशोरी लाल रैगर ने कहा कि हमें अन्य भाषाओं के साथ ही हिन्दी की जड़ों से जुड़ाव रखना जरूरी है।हिन्दी को राजभाषा घोषित होने के पचहत्तर साल पूरे होने पर अब हिन्दी का अमृतकाल शुरू हो गया है। हमें हिन्दी के गुणगान,प्रहार और हताशा की स्थिति से बाहर निकलने की जरूरत है।
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कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. महीपाल सिंह राठौड़ ने कहा कि हिन्दी मजदूर,किसान से लेकर राजमहल तक बोले जाने वाली भाषा है। हिन्दी में लेखन कला और अभिव्यक्ति को समृद्ध करने के लिए हमें निरंतर शब्द साधना और अध्ययन करना चाहिए।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ.महेंद्र सिंह ने हिन्दी की विकास यात्रा और उसके संवैधानिक प्रावधानों के बारे में विस्तार से अवगत करवाया। डॉ. प्रेम सिंह ने कहा कि हिन्दी ही एकमात्र भाषा है जो पूरे देश को एक सूत्र में बांधती है। हिंदी के समावेशी स्वरूप के कारण नई भाषा होते हुए भी विश्व भर में इसकी पहुंच बढ़ी है।
इस दौरान उन्होंने गोपाल सिंह नेपाली की कविता “हिन्दी है भारत की बोली,अपने आप पनपने दो”भी सुनाई। डॉ.कीर्ति माहेश्वरी ने अकादमिक और शिक्षण क्षेत्र में हिंदी के बजाए बढ़ते रोमन लेखन पर चिंता व्यक्त की। डॉ.भरत कुमार ने हिन्दी को तकनीक के साथ जोड़कर रोजगार के उपलब्ध अवसरों पर अपनी बात कही। इस दौरान हनुमान,मोती सिंह,उर्मिला देवड़ा,भावना राजपुरोहित आदि विद्यार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
अंत में डॉ.प्रवीण कुमार रैगर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी प्रवीण कुमार मकवाना ने किया। इस दौरान हिंदी एवं पत्रकारिता विभाग के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।