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अस्पताल संचालक के खिलाफ कैंसर दवाइयां खरीद में धोखाधड़ी का आरोप

अस्पताल संचालक के खिलाफ कैंसर दवाइयां खरीद में धोखाधड़ी का आरोप

करोड़ों की दवाइयां कैंसर स्पेशलिस्ट के साथ मिलकर राज्य सरकार को लगाया राजस्व का चूना

जोधपुर,शहर में संचालित एक निजी अस्पताल के दो डायरेक्टरों और एक कैंसर रोग स्पेशलिस्ट के खिलाफ देवनगर थाने में धोखाधड़ी का केस आरटीआई कार्यकर्ता की तरफ से दर्ज कराया गया है। रिपोर्ट में करोड़ों की दवाइयां खरीदफरोख्त के फर्जी तरीके से उठाने और बिल का क्लेम इंश्योरेंस कंपनी कर्मियों के साथ मिलकर उठाया। इस बारे में मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष की तरफ से स्वत: संज्ञान भी लिया गया था और राज्य सरकार को जांच के आदेश भी दिए गए। मगर आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर अब आरटीआई ने देवनगर थाने में इसकी प्राथमिकी दर्ज करवाई है।

शहर के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि पाल रोड पर चलने वाले एक निजी अस्पताल के संचालक डायरेक्टर ने कैंसर मरीजों के लिए भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत करोड़ों की दवाइयों का हेरफेर कर राजस्व उठाया है। जबकि मरीजों को दी जाने वाली दवाई डेस्टानिब की खरीद इस अस्पताल की तरफ से आज तक नहीं की गई। अस्पताल के डायरेक्टरों ने मिलीभगत कर एक कैंसर रोग स्पेशलिस्ट जो ना तो कैंसर रोग विशेषज्ञ था और ना ही डीएम की डिग्री ले रखी थी। जबकि वह खुद का फर्जी तरीके से कैंसर सेंटर भी खोल रखा है। इसके साथ मिलकर दवाइयों का गबन किया। जबकि वास्तविकता यह थी कि कैंसर मरीजों को डेस्टानिब दवाई दी ही नहीं गई और न ही अस्पताल द्वारा कभी खरीद की गई थी।

इस बड़े घोटले में आरटीआई ने इंश्योरेंस कंपनी के पदाधिकारियों पर भी मिली भगत से गबन का आरोप लगाया है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य मानवधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रकाश टाटिया की तरफ से स्वत: संज्ञान लेकर इस बारे में राज्य सरकार को जांच के आदेश भी दिए गए थे। दवाइयों की खरीदफरोख्त वर्ष 2017- 18 मेें करने का उल्लेख किया गया है। देवनगर थाना पुलिस ने इस बारे में निजी अस्पताल के संचालक डायरेक्टरों और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी में केस दर्ज किया है।

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