ग्राविस ने गाँव में पहुँचाई साहयता

जोधपुर, ग्रामीण विकास विज्ञान समिति (ग्राविस) स्वयंसेवी संस्था ने थार मरुस्थल में इस वर्ष कोविड-19 की महामारी ने प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित जनसंख्या समूहों तक राहत सामाग्री पहुंचाई। संस्था ने डाक्टर प्रकाश त्यागी निदेशक ग्राविस के नेतृत्व में सघन रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में काम किया। ग्राविस ने लगभग 2000 होम आइसोलेशन किट की व्यवस्था की जो कोविड संक्रमित व्यकितयों में बांटे जा रहे हैं।

ग्राविस गाँव पहुँचाई साहयता

ग्राविस की स्वास्थय सेवाओं की पहुंच लगभग 100 गाँवों में है तथा स्वास्थय सेवाओं के लिए संस्था ने 12 आक्सीजन कन्संट्रेटर उपलब्ध किये हैं। अपने अस्पताल तथा मेडिकल मोबाइल यूनिट द्वारा प्रतिमाह 3000 से 4000 ग्रामीणों को संस्था द्वारा निशुल्क स्वास्थय सेवा एवं स्वास्थय शिक्षा प्रदान की जा रही है। एक सघन कोविड शिक्षा कार्यक्रम लगभग 1000 गाँवों में चलाया जा रहा है। जिसमें टीकाकरण, जांच, रोकथाम आदि की जानकारी दी जा रही है।

ग्राविस गाँव पहुँचाई साहयता

ग्राम स्तरीय संगठनों ग्राम पंचायत, ग्राम विकास समिति, महिला स्वयम साहयता समूह की पूरे कार्यक्रम में सहयोगी की भूमिका रही है। संस्था के प्रयास थार मरूस्थल के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागोर, जालोर, सिरोही, पाली, प्रतापगढ आदि जिलों में केंद्रित रहें हैं तथा कुछ सहायता हरियाणा, उत्तरप्रदेश,उत्तराखंड आदि में भी पहुँचाई गई है। ग्राविस की कोविड साहयता गतिविधियों का लाभ लगभग 4 लाख ग्रामीणों को मिला है। जिसमें बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों, विधवाओं, विकलांग व्यक्ति शामिल हैं।

ग्राविस ने गाँव में पहुँचाई साहयता

कार्यक्रम अधिकारी राजेन्द्र कुमार ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर कोविड की रोकथाम व प्रबन्धन के लिए अधिक प्रयासों की आवश्यकता है क्योंकि गाँवों में सुविधाएँ बहुत सीमित है। गाँव-गाँव पहुंचे बिना कोविड की लड़ाई नहीं जीती जा सकती और ग्राविस इस दिशा में पूरी निष्ठा से प्रयासरत है। राजेन्द्र कुमार बताया कि यह राहत कार्यक्रम त्वरित गति से ज़यादा से ज़यादा ग्रामीण गरीब, असहाय, निराश्रित,बुजुर्गों,विधवाओं, महिलाओं एवं यतीम बच्चों के परिवारों को निःशुल्क खाद्य सामग्री का वितरण आगे भी जारी रहेगा।

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