जोधपुर के निजी अस्पताल में आँख के कैंसर का हुआ निःशुल्क सफल ऑपरेशन

  • अरमान की आंख की रोशनी लौटी
  • आरबीएसके कार्यक्रम के तहत स्क्रीनिंग में मामला आया था सामने

जोधपुर, “दृष्टि है तो, सृष्टि है” जी हां हर इंसान की चाहत होती है कि उसकी आंखें हमेशा स्वस्थ रहें, ताकि दुनिया को देख सके। परन्तु कई बार हमारी छोटी सी लापरवाही बड़ी घातक साबित हो सकती है। ऐसा ही वाक्य बालेसर निवासी अरमान के साथ हुआ। 5 साल के अरमान को खेलते वक़्त दाई आंख के नीचे चोट लगने के कारण एक छोटी से गांठ बन गयी थी। परिवारजनों ने इसको छोटी सी बीमारी समझ के नजरअंदाज कर दिया, जो कि धीरे-धीरे जब अरमान की वही छोटी गांठ बड़ी होकर उसकी पूरी आंख के ऊपर तक आ गयी और उसमें दर्द व मवाद आना शुरू हो गया। इसके बाद भी अरमान के पिता उसको गाँवो में नीम हकीमो के पास घूमते रहे, जहाँ से प्राथमिक उपचार के अलावा कुछ नही मिला और इधर इकलौता बेटा होने की वजह से परिजनो की चिंता दिनोदिन बढ़ती जा रही थी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवन्त मंडा ने बताया कि बालेसर बीसीएमओ डॉ रईस खान मेहर के अनुसार एक दिन चिकित्सा विभाग के नर्सिंग कर्मचारी भोमसिंह से अरमान के परिजन साजिद मिले तो उन्होंने अरमान की बीमारी के बारे में बताया तो उन्होने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की मोबाइल हेल्थ टीम ए के चिकित्सक डॉ धीरज गोयल से संपर्क किया। जिसके बाद डॉ. गोयल ने बच्चे की जांच कर तुरंत रेफर कार्ड बनवा के उच्च स्तरीय उपचार हेतु जिला स्तर पर भेज दिया। डॉ. मंडा ने बताया कि जैसे ही यह केस हमारे संज्ञान में आया तो तुरंत आरबीएसके एडीएनओ डॉ.अभिषेक दाधीच को इसका पूरा इलाज निःशुल्क करवाने के लिए निर्देशित किया। इसके बाद अरमान को मथुरादास माथुर अस्पताल में उपचार हेतु भेजा गया जहाँ पर डॉ. प्रदीप गौड़ ने जांच हेतु सैम्पल भेजे जिसमें आंख के पास ब्लास्टोमा की पुष्टि हुई।

एमडीएम अस्पताल के कैंसर रोग विशेज्ञ डॉ. प्रदीप गौड़ ने सलाह दी कि ट्यूमर की साइज कम करने के लगातार 12 कीमोथेरेपी की गई। जिससे आंख के पास की सूजन व मवाद कम हो गया। फिर अरमान के कैंसर का ऑपरेशन करवाने के लिए परिजन जोधपुर के निजी एएसजी आई अस्पताल में परामर्श हेतु गए। इसके बाद सम्पूर्ण जांचों से ज्ञात हुआ कि अरमान की आंख के केंसर का ऑपरेशन से ही उपचार सम्भव है। इस दरमियान जोधपुर के निजी एएसजी आई प्रशासन ने रुचि दिखाते हुए अरमान का ऑपरेशन निःशुल्क करने की पेशकश की। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग जोधपुर की ओर से निजी अस्पताल से निरन्तर समन्वय बनाये रखा। इसके बाद 8 अक्टूबर को एएसजी आई अस्पताल में बाहर से नेत्र रोग विशेषज्ञों की टीम को बुलाया। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.आकाश, डॉ मयंक ने अरमान की आंख की ओक्यूलोप्लास्टी करके आंख को बचा लिया। जिससे अब अरमान सामान्य बच्चों की तरह देख सकेगा।ऑपरेशन के बाद सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा, बालेसर बीसीएमओ डॉ. रईस खान मेहर, डॉ. अभिषेक दाधिच व डॉ. धीरज गोयल ने एएसजी आई पहुच कर अरमान की कुशलक्षेम पूछ कर हौसलाफजाई की। परिजनों ने समस्त प्रशासन व चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को आभार प्रकट किया।

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