प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म फेस्टिवल में चार डॉक्यूमेंट्री पुरस्कृत
फिल्म फेस्टिवल का समारोह पूर्वक संपन्न
जोधपुर,प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म फेस्टिवल में चार डॉक्यूमेंट्री पुरस्कृत। जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय,ईएमएम आरसी जोधपुर एवं शैक्षिक संचार संकाय (सीईसी) नई दिल्ली की ओर से आयोजित 16 वें प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म फेस्टिवल शुक्रवार को संपन्न हो गया।
समापन समारोह में आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर डॉ अविनाश कुमार अग्रवाल,सीईसी के निदेशक डॉ जेबी नड्डा ने अवार्डेड डॉक्यूमेंट्री को पुरस्कृत किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर अविनाश कुमार अग्रवाल ने फेस्टिवल की सराहना की और कहा कि यह आयोजन जोधपुर के लिए काफी अच्छा रहा इससे विद्यार्थियों को सीखने को मिला है। सीईसी के इस आयोजन से अन्य संस्थानों को भी इस क्षेत्र में काम करने की प्रेरणा मिलेगी।
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फिल्म फेस्टिवल में अवार्डेड डॉक्यूमेंट्री के प्रड्यूसर को समापन समारोह के मुख्य अतिथि आईआई टी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर डॉ अविनाश कुमार अग्रवाल,सीईसी के निदेशक डॉ जेबी नड्डा, संयुक्त निदेशक डॉ सुनील मेहरू और ईएम एमआरसी जोधपुर के निदेशक डॉ बीआर गाडी ने प्रमाण पत्र,स्मृति चिह्न और चेक प्रदान कर सम्मानित किया।
निदेशक डॉ बीआर गाडी ने सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह सभी के सहयोग से संभव हो पाया है। जोधपुर ईएमएमआरसी के लिए यह स्वर्णिम अवसर रहा। समापन समारोह का संचालन प्रमोद सिंघल ने किया। समापन सत्र में आईआई टी जोधपुर की पांच मिनट की डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई।
सीईसी के संयुक्त निदेशक फेस्टिवल के कॉर्डिनेटर डॉ सुनील मेहरू ने बताया कि प्रकृति डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल में एनवॉयरमेंट कैटेगरी में बानी प्रकाश दास की फाइट फॉर राइट ‘अधिकार के लिए लड़ो’, डवलपमेंट कैटेगरी में पी.रघुपति की ‘रीचिंग द अनरीच्ड’, ह्यूमन राइट्स कैटेगरी में साजिद नादुथोडी की ‘रेज्ड ऑफ रिदम्स और स्वच्छ भारत कैटेगरी में प्रकाश कटारे की ग्रीनमैन को सर्व श्रेष्ठ फिल्म चुना गया। इन फिल्मों के प्रड्यूसर को स्मृति चिह्न प्रमाण पत्र और पचास हजार रुपए का चेक प्रदान कर पुरस्कृत किया गया।
इसी प्रकार प्रकृति डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल में पी रघुपति की रिचिंग द अनरिचड,भरत जादव की मातृभूमि का वैभव और डॉ एस चेलवान की केटल ऑफ बरगुर हिल्स डॉक्यूमेंट्रीे का प्रदर्शन किया गया। इनको प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
सामाजिक पहलुओं पर भी हो वृत्त चित्रों का निर्माण-प्रो.डॉ जेबी नड्डा
समापन सत्र से पहले डॉक्यूमेंट्री फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। इसमें दर्शकों और विविध कॉलेजों से आए छात्रों और प्रतिभागियों ने सवाल पूछे इनके संबंधित निर्माता ने जवाब दिए। संचालन करते हुए मॉडरेटर डॉ राजश्री राणावत ने डॉक्यूमेंट्री फिल्मों पर विस्तार से चर्चा की। सीईसी के निदेशक प्रोफेसर डॉ जे बी नड्डा ने फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि ईएमएमआरसी शैक्षणिक कार्यक्रमों के सामाजिक पहलुओं पर भी वृत्त चित्रों के निर्माण से समाज में जागृति लाने का काम करे। सीईसी के संयुक्त निदेशक फेस्टिवल के कॉर्डिनेटर डॉ सुनील मेहरू ने फेस्टिवल के बारे में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
म्यांमार,फिलीपींस और बांग्लादेश जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से आई प्रविष्टियां
फिल्म फेस्टिवल में छात्रों और आमजन को जागरूक करने के लिए 13 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। इन फिल्मों का पूर्वावलोकन और चयन प्रतिष्ठित जूरी की एक टीम द्वारा कड़ी प्रक्रिया के बाद किया गया है। प्रकृति इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल के विजेता वृत्तचित्रों को स्क्रीनिंग सर्टिफिकेट और ट्रॉफी के अलावा 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। इस वर्ष प्रकृति इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल के लिए कुल 68 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। इनमें म्यांमार,फिलीपींस और बांग्लादेश जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से आई प्रविष्टियां शामिल रहीं।
सीईसी सक्रिय रूप से विभिन्न सामाजिक विषयों पर आईसीटी- आधारित पर्यावरण निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म महोत्सव का आयोजन करता है ताकि अपने शिक्षार्थियों को सीखने में समरूपता खोजने और रुचि के कई विषयों/विषयों की समझ विकसित करके समग्र रूप से विकसित करने में मदद मिल सके।