अभिभावकों में कोरोना का डर, कम बच्चे पहुंचे स्कूल

स्कूलों में लौटी पांच माह बाद रौनक

जोधपुर, शिक्षा विभाग के आदेश के बाद सोमवार से कक्षा छठीं से आठवीं के स्कूल खुल गए। अभिभावकों में कोरोना का डर सताता साफ देखा गया। कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। कुछ ही प्रतिशत में बच्चे स्कूल में देखे गए। जो आए उनसे भी दो गज दूरी का पालन करवाया गया। हाथों को सेनेटाइज्ड करवाने के साथ कोरोना गाइड लाइन का पूर्ण पालन करवाया गया। हालांकि शिक्षा विभाग ने अनिवार्य रूप से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पाबंद नहीं किया है।

अभिभावकों बच्चे पहुंचे स्कूल

अभिभावक बच्चों को ऑनलाइन क्लासों में भी पढ़ा सकते हैं। यह विकल्प अभी खुला है। स्कूलों में आज सोमवार से फिर रौनक लौटी है। 6 से 8वीं के बच्चे 5 माह बाद स्कूल पहुंचे। इधर बच्चों में स्कूल पहुंचने की खुशी थी लेकिन अभिभावकों में थोड़ा डर भी सता रहा है। उनका कहना है कि तीसरी लहर की आशंका और बच्चों पर जताई जा रही है ऐसे में डर तो है ही। बच्चे जिद कर स्कूल पहुंचे हैं। करीब पांच माह बाद वह अपने स्कूल के दोस्तों से मिले ऐसे में वे बड़े खुश नजर आए।

इससे पहले इस साल 8 फरवरी को 6 से 8वीं के बच्चों के लिए स्कूल खोले गए थे। लेकिन दो महीने बाद ही अप्रैल में दूसरी लहर आ गई और 16 अप्रैल से फिर से स्कूल बंद कर दिए गए थे। सोमवार को 157 दिन बाद छठी से आठवीं तक बच्चों के लिए फिर से स्कूल खुल गए।

कक्षा मेें क्षमतानुसार पहुंचे बच्चे

विद्यार्थी कक्षा कक्ष की क्षमता के 50 फीसदी के हिसाब से स्कूल पहुंचे। हालांकि, अभिभावकों की लिखित सहमति व बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया। बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग से बिठाया गया। स्कूल में कोविड नियमों की पालना हुई। इधर अब 27 सितंबर से एक से पांचवीं तक के स्कूल खुलेंगे।बच्चे भी अब स्कूल जाने की तैयारी कर रहे है। हालांकि स्कूल खुलने के बाद बच्चे काफी कम संख्या में स्कूल पहुंचे है बच्चों को अभिभावकों ने अनुमति नहीं दी।

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