आयुर्वेद विवि में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू

राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान पुणे एवं आयुर्वेद विवि के मध्य एमओयू

जोधपुर,आयुर्वेद विवि में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय में आयुर्वेद विश्वविद्यालय,राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विज्ञान संस्थान,पुणे एवं पीपल्स फाउंडेशन के सहयोग से दो दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है।

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कार्यक्रम का उद्घाटन सोमवार को कुलपति प्रोफेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति, राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान,पुणे की निदेशक डॉ.के.सत्यालक्ष्मी,पीपल्स फाउंडेशन के प्रेसिडेंट वीएन झा,मनीष व्यास (चेयरमैन,व्यास मेडिसिटी एंड मेडिकल कॉलेज, जोधपुर) और डॉ.प्रियंका गोदारा (प्रबंधन निदेशक, एसएलबीएस ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट), कार्यवाहक कुल सचिव मंगलाराम बिश्नोई के आतिथ्य में हुआ।

उद्घाटन के अवसर पर सभी अतिथियों ने अपने विचार साझा किए। कुलपति प्रोफेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने योग और प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के समय में इन विधियों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के माध्यम से राज्य के शिक्षकों को योग और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम शोध और तकनीकों की जानकारी दी जाएगी,जिससे वे अपने छात्रों को बेहतर ढंग से शिक्षित कर सकें।

आयुर्वेद विश्वविद्यालय का उद्देश्य शिक्षकों को बेहतर बनाने के साथ-साथ समाज को प्राकृतिक चिकित्सा और योग के प्रति जागरूक करना भी है। सभी चिकित्सा पद्धतियों को साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।

पीपल्स फाउंडेशन के प्रेसिडेंट वी एन झा ने कार्यक्रम के प्रति अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा और योग से न केवल व्यक्ति की शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। उन्होंने आयुर्वेद विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना की। कहा कि ऐसे आयोजन शिक्षकों और छात्रों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनते हैं।

डॉ.के.सत्यालक्ष्मी,निदेशक राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान, पुणे ने योग और नैचुरोपैथी की वैज्ञानिक पद्धतियों और उनके लाभों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज के दौर में इन विधियों की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है। एमओयू के माध्यम से विश्वविद्यालय के साथ लगातार आयुष पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिये कार्य करेंगे।

योग एवं नैचुरोपैथी चिकित्सा के समुन्नयन के लिये राज्य सरकारों के प्रोत्साहन की महती आवश्यकता है।व्यास मेडिसिटी एंड मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन मनीष व्यास ने कहा कि फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम जुड़ते हैं और शिक्षकों को अपने कौशल को और भी निखारने का अवसर मिलता है।उन्होंने प्रतिभागियों से इस कार्यक्रम का पूरा लाभ उठाने की अपील की।

एसएलबीएस योग नैचुरोपैथी कॉलेज के निदेशक प्रियंका गोदारा ने कहा कि जमीनी स्तर पर समस्याओं में सुधार के लिये इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर शिक्षकों एवं छात्रों के लिये होते रहने चाहिए। योग नैचुरोपैथी संकाय के अधिष्ठाता प्रो.एकलव्य बोहरा ने राजस्थान के समस्त महाविद्यालयों के फैकल्टी डवलपमेंट कार्यक्रम के सुचारू रूप से संचालन के लिये कुलपति प्रोफेसर प्रजापति, राष्ट्रीय प्राकृतिक संस्थान,पूणे का आभार जताया। विश्वविद्यालय के योग नैचुरोपैथी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.चन्द्र भान शर्मा ने सभी का आभार जताया।

राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान,पुणे एवं आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के मध्य एमओयू हुआ जिसका उद्देश्य दोनों पक्ष क्षमता निर्माण को मजबूत करने और उच्च गुणवत्ता वाली शोध गतिविधियों का संचालन करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। यह समझौता ज्ञापन शोध साझेदारी के रूप में इस प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा। कार्यक्रम में राज्यभर से 150 प्रतिभागी शामिल हुए हैं।