डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप, केस दर्ज

डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप, केस दर्ज

वसुंधरा अस्पताल में प्रसुता और जुड़वां बच्चों की मौत का मामला

जोधपुर, शहर के चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड स्थित वसुंधरा अस्पताल में एक प्रसुता और उसके जुड़वां बच्चों की मौत डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही से होने का आरोप लगा है। परिजन ने लापरवाही और गलत इंजेक्शन के साथ एक लाख रूपयों की डिमांड किए जाने का आरोप लगाया और चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड थाने में केस दर्ज करवाया है। घटना को लेकर अब पुलिस ने अनुसंधान आरंभ किया है। मंडोर स्थित फतेह बाग के रहने वाले चंदन परिहार पुत्र लालचंद्र परिहार की तरफ से चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड थाने में रिपोर्ट दी गई। इसमें बताया कि वह सोमवार को अपनी गर्भवती पत्नी 33 साल की दीपा को लेकर चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड स्थित वसुंधरा अस्पताल आया था। उसकी पत्नी को आठवां महिना चल रहा था। वह दोपहर 12 बजे आया था। तब अस्पताल में सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं थी। इस पर जूनियर डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने दीपा की नियमित जांच में ब्लड, सोनाग्राफी आदि की।

डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप, केस दर्ज

इस पर स्टाफ ने बताया कि सब कुछ सामान्य है। उसके पेट में जुड़वां बच्चे हैं। दीपावली के बाद 8-10 दिन में अस्पताल लाना होगा। बाद में अस्पताल में मौजूद जूनियर डॉक्टर ने सीनियर डॉक्टर रेणु मकवाना को फोन लगाकर यथास्थिति समझाई। तब पांच मिनट बाद कह दिया कि दीपा की स्थिति क्रिटिकल है। उसका इलाज करना पड़ेगा। इस पर काउंटर पर पहले दस हजार रूपए जमा करवाए गए। फिर जूनियर डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ दीपा को लेकर प्री ऑपरेटिव वार्ड में लेकर गए। स्थिति सामान्य होने के बावजूद चंदन ने इसका विरोध जताया और कहा कि जब सब कुछ सामान्य है तो पांच मिनट में तबीयत बिगडऩा क्यूं बताया जा रहा है।

तब स्टाफ में चंदन को एक तरफ बैठने को कह दिया। रिपोर्ट में बताया कि उसकी पत्नी दीपा को एक इंजेक्शन सेफ्ट्राइजोन दिया गया। कुछ देर बाद इंजेक्शन से रिएक्शन होने लगा। उसके चेहरे पर लाल चकते निकलने के साथ गले पर भी सूजन आ गई। दीपा की बिगड़ती तबीयत देख जूनियर डॉक्टर और स्टाफ डॉक्टर रेणु मकवाना से बात की। कुछ देर बाद वह अस्पताल पहुंची। उन्होंने चंदन को बताया कि सिजेरियन करना होगा। इस पर दीपा का सिजेरियन करने पर एक लडक़े का जन्म हुआ।

रिपोर्ट में बताया कि एक और बच्चा होने की बात की गई और दो घंटे बाद दूसरी डिलीवरी को कहा गया। इस बीच दीपा की तबीयत काफी बिगड़ गई थी। इसके लिए डॉक्टर मकवाना ने कहा कि दस मिनट में एक लाख का बंदोबस्त कर काउंटर जमा कराओ अन्यथा उसे नहीं बचा पाएंगे। पीडि़त चंदन ने अपने घर पर दो बार फोन लगाए। मगर इस बीच दीपा और पेट में दूसरे बच्चे की मौत हो गई। दूसरी डिलीवरी में एक बच्ची होना बताया गया। मगर डॉॅक्टर और नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही से उसकी पत्नी और दोनों बच्चों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि घटना को लेकर केस दर्ज किया गया है। जिसमें अब अनुसंधान किया जा रहा है।

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