साइबर अपराधों पर जागरूकता को लेकर संभागीय आयुक्त का छात्र छात्राओं को मार्गदर्शन

साइबर अपराधों पर जागरूकता को लेकर संभागीय आयुक्त का छात्र छात्राओं को मार्गदर्शन

जोधपुर,शहर में बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सत्यमेव जयते सिटीजन सोसायटी और इंस्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप एंड स्किल डवलपमेंट की ओर से जोधपुर के विभिन्न कॉलेजों के बाद अब जोधपुर के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के जरिए पूरे परिवारों को जागरूक करने के उद्देश्य से जागरूकता कार्यक्रम का आगाज कर दिया गया है, जिसकी शुरुआत जोधपुर के सरदारपुरा गर्ल्स स्कूल से विधिवत रूप से की गई है। सोसाइटी की सचिव चंद्र किरण दवे ने बताया कि साइबर अपराध से बचाव के लिए चलाये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम का कॉलेजों के हजारों विद्यार्थियों को जागरूक करने के बाद से स्कूलों में आगाज कर दिया गया है।

साइबर अपराध गैरकानूनी कार्य

नेशनल सिक्योरिटी डेटाबेस की इंटरवेंशन ऑफिसर अमृता एस दूदिया ने इस अवसर पर व्याख्यान देते हुए कहा कि, साइबर अपराध एक गैर कानूनी कार्य है जिसमें कंप्यूटर या तो एक उपकरण या लक्ष्य है या दोनों साइबर अपराध में आपराधिक गतिविधियों की एक विस्तृत विविधता शामिल है। कंप्यूटर डेटा या सिस्टम, कंप्यूटर की गोपनीयता, अखंडता और उपलब्धता संबंधित अपराध, सामग्री संबंधी अपराध, कॉपीराइट संबंधी अपराध सभी इसमे शामिल हैं।

साइबर अपराधों पर जागरूकता को लेकर संभागीय आयुक्त का छात्र छात्राओं को मार्गदर्शन

साइबर अपराध और पारंपरिक अपराध में अधिक अंतर नहीं

साइबर अपराध और पारंपरिक अपराध के बीच अधिक अंतर नहीं है। पारंपरिक अपराध शारीरिक रूप से उपस्थित होकर किए जाते हैं और उन्हीं अपराधों को दूर बैठकर कंप्यूटर के माध्यम से जब किया जाता है तब वह साइबर अपराध बन जाते हैं। जैसे कि किसी व्यक्ति के साथ ठगी की जाती है कोई कूटरचित दस्तावेज को प्रस्तुत कर पीडि़त को ठग लिया जाता है तब यह ठगी का अपराध बन जाता है। इस अपराध से बचने के लिए सबसे बड़ा हथियार है तो वह है जागरूकता, स्वयं जागरूक रहकर अन्य लोगों को जागरूक किया जा सकता है।

हर व्यक्ति को जागरूक रहना जरूरी

मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त डॉ राजेश शर्मा ने कहा कि, जिस तेजी से साइबर अपराध बढ़ रहे हैं उसमें हर व्यक्ति का जागरूक होना जरूरी है, जागरूक तभी हो सकते हैं कि,जब बिना किसी लालच में आए बड़ी ही समझदारी के साथ मोबाइल या ईमेल पर आने वाले संदेशों को समझने के बाद आवश्यक निर्णय लें। कई बार जल्दबाजी और लालच के चक्कर में लिए गए निर्णय के कारण साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं।

परिवार को भी जागरूक करें

जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी भल्लू राम खीचड़ ने कहा कि नई पीढ़ी को साइबर अपराधों से बचने के लिए खुद को जागरूक करने के साथ साथ परिवार जनों को भी जागरूक करना पड़ेगा। इस अवसर पर सरदारपुरा बालिका सीनियर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य सरोज जाखड़ को साइबर जागरूकता कार्यक्रम में सहयोग देने के लिए सम्मानित किया गया।

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