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सुखदेवजी व राजा परीक्षित प्रसंग पर दिए प्रवचन

सुखदेवजी व राजा परीक्षित प्रसंग पर दिए प्रवचन

भागवत कथा का दूसरा दिन

जोधपुर,गौनवरात्र व गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर केलावा गांव के रघुवंश पुरम आश्रम केशवप्रिया गौशाला में मानस मर्मज्ञ संत मुरलीधर की मेजबानी में गौ संरक्षण व गौ संवर्धन के पावन उद्देश्य गोपाष्टमी महोत्सव के तहत डॉ.श्याम सुंदर पाराशर के मुखारविंद से आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में शुक्रवार की कथा में संत ने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं के साथ व्यासजी व सुखदेव मुनि प्रसंग, सुखदेवजी व राजा परीक्षित प्रसंग पर भावमय प्रवचन दिए।

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उन्होंने सगुण व निर्गुण भक्ति की समानता,श्रेष्ठ वक्ता व श्रोता के गुण व दोष के विषय में विस्तार से चर्चा की।
कथा प्रसंग के माध्यम से देश की वर्तमान सत्ता की प्रशंसा करते हुए कहा कि धर्मनिष्ठ राजा राष्ट्र को सौभाग्य से मिलता है, कभी-कभी दुर्भाग्य से देश व राज्य को धर्मनिरपेक्ष सत्ता को भोगना पड़ता है जो सनातन संस्कृति के लिए प्रतिकूल है। देश में बढ़ रही धर्मांतरण की समस्या पर कटाक्ष करते हुए युवाओं से अपने देश व धर्म के प्रति सजग रहने का आह्वान किया।

महोत्सव के संयोजक संत मुरलीधर व मीना रामावत ने दीप प्रज्वलन किया।कथा के यजमन श्याम सुंदर झंवर व संतोष झंवर ने व्यास पीठ का पूजन किया। इस अवसर पर चांदपोल रामद्वारा के महंत संत हरिराम शास्त्री, गुरु कृपा आश्रम के संस्थापक संत राजाराम, भागवताचार्य संत सुखदेव सहित विभिन्न संत वृंद व हरि अनुरागी श्रोता उपस्थित थे।

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