मार्बल व्यवसायी को झूठे केस में फंसाने के नाम पर 30 लाख की डिमांड
- एनसीबी के निरीक्षक,थानेदार और कांस्टेबल के खिलाफ अपहरण व धमकाने का केस दर्ज
- कार मेें जबरन बैठाए रखा
जोधपुर, शहर के मंडोर इलाके में मार्बल और ग्रेनाइट के एक कारोबारी के अपहरण और उससे 30 लाख रूपयों की डिमांड किए जाने का आरोप एनसीबी के इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर एवं कांस्टेबल पर लगा है। इस बारे में पीडि़त मार्बल व्यवसायी के भाई ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में केस दर्ज करवाया है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच एसीपी प्रताप नगर प्रेमधणदे की तरफ से की जा रही है। घटनाक्रम सोमवार को होना बताया गया है।
चौहाबो थानाधिकारी जुल्फिकार अली ने बताया कि मंडोर पोस्ट ऑफिस के पीछे रहने वाले कुलदीप माली पुत्र सोहन सिंह माली ने रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि उसका भाई श्रीराम मार्बल और ग्रेनाइट्स का काम करता है। काम के सिलसिले में उसका भाई श्रीराम राजसमंद गया था। जहां से वह सोमवार को लौट रहा था। तब पाली टोल नाके पर उसके भाई को तीन शख्स ने रोक दिया। यह लोग खुद को एनसीबी वाला बताते हुए उसके भाई को मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त होने का कहकर 30 लाख रूपयों की डिमांड करने लगे। इसमें एक ने खुद को एनसीबी का निरीक्षक खींयाराम, दूसरा सबइंस्पेक्टर भंवराराम एवं कांस्टेबल भागीरथ होना बताया था।
रिपोर्ट में आरोप है कि इन लोगों ने उसके भाई श्रीराम से घर से 30 लाख रूपए मंगवाने को कहा। इस पर श्रीराम ने अपने परिजन से संपर्क किया, एक बारगी मामला फर्जी ना हो इसके लिए परिजन ने अपने स्तर पर परिचित एसीबी के हैडकांस्टेबल से संपर्क साधा। एसीबी हैडकांस्टेबल ने खुद को छुट्टी में होना बताया था। तब तक यह सभी कार में शहर के अशोक उद्यान के पीछे आ गए। जहां पर रूपयों की फिर डिमांड की गई। अन्यथा उसे मादक पदार्थ की तस्करी मेें फंसाने की धमकी देने लगे। इस पर बाद में परिवादी ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड से संपर्क साधा और केस दर्ज करवाया गया।
थानाधिकारी जुल्फिकार अली ने बताया कि घटना में कुलदीप पंवार माली की तरफ से एनसीबी के निरीक्षक खींयाराम,सबइंस्पेक्टर भंवराराम एवं कांस्टेबल भागीरथ के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जिसमें जांच एसीपी प्रताप नगर प्रेमधणदे की तरफ से की जा रही है।
एनसीबी ने पुलिस को यह बताया
एसीबी के अफसरों ने पुलिस को आंरभिक जांच में बताया कि श्रीराम मादक पदार्थ तस्करी कर लौट रहा था। जबकि परिजन की तरफ से उसे झूठे मुकदमें में फंसाने के नाम पर 30 लाख की डिमांड की गई है।
किसी गैंग के होने की आशंका में परिजन ने कई परिचितों से बात की
घटना की गंभीरता को देखते हुए परिजन डर से गए थे। उन्हें लगा कि कोई बड़ी गैंग हो सकती है जो एनसीबी के अफसर बनकर ठगी करना चाहती है। तब पहले अपनी बात एसीबी के हैडकांस्टेबल को इसकी जानकारी दी। बाद में पुलिस तक सूचना पहुंची।
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