राजस्थान दिवस पर सजी सांस्कृतिक संध्या

  • आकर्षक रोशनी से जगमगाए प्रमुख पर्यटन स्थल
  • राजकीय स्मारकों में प्रवेश रहा निःशुल्क

जोधपुर(डीडीन्यूज),राजस्थान दिवस पर सजी सांस्कृतिक संध्या। राजस्थान दिवस पर रविवार को पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन जोधपुर की ओर से जयनारायण व्यास स्मृति भवन (टाउन हॉल) में राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने रसिकों को खूब आनंदित किया। आयोजन में जोधपुर विकास प्राधिकरण एवं राजस्थान संगीत नाटक अकादमी थे।

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डेजर्ट सिम्फनी कार्यक्रम के अन्तर्गत भूंगर खान (बाड़मेर) की मनमोहक प्रस्तुति ने रंग जमाया। इससे पूर्व दिनेश सिंदल के संयोजन में कवि सम्मेलन ने राजस्थान का कीर्तिगान किया। कवि सम्मेलन में लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’,धमचक मुलथानी,पूर्णिमा जायसवाल ‘अदा’, विवेक पारीक ने विभिन्न रसों से ओत प्रोत काव्यपाठ प्रस्तुत किए।

डेजर्ट सिम्फनी ने राजस्थान के सुरों से रसिकों का मन मोहा
भूंगर खान ने अपने ग्रुप के साथ शानदार प्रस्तुति दी। जिसमें अनेक वाद्यों यंत्रों के समाहित करते हुए दर्शकों और श्रोताओं को एक सुरीली यात्रा कराई। इसमें राजस्थान के सांस्कृतिक गायन की समा बांधा।

कवि सम्मेलन के रस रंगों ने मोहा 
कवि सम्मेलन में प्रेम,सौहार्द, राष्ट्रभक्ति,शौर्य,व्यंग्य और राजस्थान की महिमा पर केन्द्रित रचनाओं ने श्रोताओं को आनंदित किया।
दिनेश सिंदल ने फूल हूं संग में खुशबू का सफर लाया हूं,मैं हवाओं पे तेरा नाम लिखाने आया हूं..लोग चाहे तीर की,तलवार की बातें करें, आइए हम प्रीत की,मनुहार की बातें करें..ने जीवन माधुर्य को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ने का संदेश दिया।लोकेश कुमार सिंह ’साहिल’ ने मन के मीत कहाँ ले जाएँ, सुर-संगीत कहाँ लें जाएँ, मंचों पर अब बचे लतीफ़े,ग़ज़लें-गीत कहाँ ले जाएं..,पूर्णिमा जायसवाल अदा ने मुझे मिलता है जो कुछ भी मैं दूना कर दिखाती हूं,मिले गर इक मकां मुझको मैं उसको घर बनाती हूं..सुनकर दाद बटोरी।विवेक पारीक ने राजस्थान की महिमा,शौर्य पराक्रम भरे इतिहास और विरासती विलक्षणताओं की झलक अपने गीत में यों दर्शायी। धमचक मुल्तानी ने ओजपूर्ण कविता में वीरों के प्रदेश की खूबियों का बखान किया।

प्रमुख स्थलों पर हुई लोक कला की प्रस्तुतियां
राजस्थान दिवस के अवसर पर पर्यटन विभाग की ओर से शहर के प्रमुख चौराहों पर लोकगीतों की प्रस्तुति एवं रोशनी से राजस्थान दिवस का संदेश मुखरित किया। मंडोर,उम्मेद उद्यान,कायलाना झील जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर लोक कलाकारों द्वारा राजस्थान की संस्कृति की झलक की प्रस्तुतियां दी।।

राजकीय स्मारकों पर प्रवेश निःशुल्क
राजस्थान की धरोहरों के दिग्दर्शन को प्रेरित करने की मंशा से शहर के राजकीय स्मारकों पर प्रवेश निःशुल्क रखा गया। इन स्थलों पर रविवार को काफी आवाजाही रही। जिले के ग्रामीण एवं शहरी राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भी स्मारकों का भ्रमण कर राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहरों का ज्ञान लिया।

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