जोधपुर, कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण के लिए दूसरा ड्राई रन शुक्रवार को हुआ। इसके तहत जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग द्वारा जोधपुर जिले के तीन अस्पतालों में वैक्सीनेशन का ड्राई रन यानी मॉक ड्रिल की गई। इस ड्राई रन में आज एक निजी अस्पताल को भी शामिल किया गया। जिला कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह के निर्देशन में सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक इन तीनों स्थानों पर ड्राई रन का आयोजन किया गया। ड्राई रन के माध्यम से प्रशासन ने कोरोना

वैक्सीनेशन की अपनी तैयारियों को परखा। सीएमएचओ डॉ. बलवंत मण्डा ने बताया कि जोधपुर जिले में मथुरादास माथुर अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिलाड़ा व गोयल अस्पताल में ड्राई रन किया गया। ड्राई रन के दौरान टीकाकरण अभियान की व्यवस्थाओं को परखने के लिए कोविड टीकाकरण में अपनाई जाने वाली संपूर्ण गतिविधियंा आयोजित की गई। पहले चरण में बनाड़ और रेजिडेंसी डिस्पेंसरी में यह ड्राई रन हुआ था लेकिन इस बार एक निजी अस्पताल को भी इसमें जोड़ा गया। ड्राई रन के लिए गाइडलाइन के अनुसार डेमी लाभार्थियों को चिन्हित कर उन्हे

निर्धारित समय पर टीकाकरण सेन्टर पर आमंत्रित किया गया। डॉ. मण्डा ने बताया कि ड्राई रन का मुख्य उद्देश्य यही है कि कोविड टीकाकरण अभियान से पहले पूर्वाभ्यास कर टीका लगवाने के लिए आने वाली समस्त समस्याओं को परखकर समय पर उचित समाधान किया जा सके। कोरोना संक्रमण के प्रतिरक्षित करने के लिए सरकार की ओर से कोविड टीकाकरण किया जाएगा। प्रथम चरण में फं्रट लाइन वर्कर के रूप में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए गत दो जनवरी को प्रथम चरण के ड्राई रन का आयोजन किया गया था। आज दूसरे चरण का ड्राई रन हुआ। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कौशल दवे ने बताया कि कोविड गाइडलाइन के अनुसार कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान के प्रत्येक सेन्टर पर तीन कक्ष स्थापित किए गए। इसके लिए एक प्रति़क्षा कक्ष, दूसरा टीकाकरण कक्ष व तीसरा निगरानी कक्ष स्थापित किया गया। वहां पर प्रत्येक कक्ष व प्रवेश द्वार आदि पर गाइडलाइन अनुसार वैक्सीन संबंधित कार्मिक उपस्थित थे। उन्होने बताया कि टीकाकरण के लिए लाभार्थी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कोविन पोर्टल से आमंत्रित संदेश भेज गया। इसके पश्चात लाभार्थी चिंहित टीकाकरण सेन्टर पर आए जहां पर प्रवेश द्वार पर गार्ड द्वारा उक्त लाभार्थी की पहचान कर थर्मल गन द्वारा तापमान इन्द्राज कर सेनेटाइजेशन के बाद सेंटर पर में प्रवेश दिया गया। इसके बाद लाभार्थी को प्रतिक्षा कक्ष में बैठाया गया जहां से मोबिलाइजर द्वारा उन्हें टीकाकरण कक्ष में ले जाया गया। वहां पर उपस्थित कार्मिक द्वारा कोविन पोर्टल पर लाभार्थी की एन्ट्री करने के बाद वेक्सीनेटर द्वारा कोविड का टीका लगाया गया। इसके पश्चात् वेक्सीनेटर द्वारा टीके के उपरांत के व्यवहार के बारे मे जानकारी प्रदान की गई। टीकाकरण के बाद लाभार्थी को 30 मिनट तक निगरानी कक्ष में अवलोकन में रखा गया। प्रत्येक सेंटर पर 25-25 चिन्हित लाभार्थियों को टीका लगाने का अभ्यास किया गया। सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा ने बताया कि टीकाकरण की व्यवस्थाओं के सटीक आंकलन और इसमें आने वाली चुनौतियों को जानने के लिए पूर्वाभ्यास किया जाता है। टीकाकरण अभियान के दौरान क्या दिक्कतें आ सकती हैं और इन्हें कैसे दूर किया जाए, यह जानने के लिए ड्राई रन किया गया है। इसके माध्यम से यह परखा गया कि वैक्सीन स्टोरेज पॉइंट से वैक्सीन किस तरह जोधपुर पहुंचेगी। जोधपुर में उन्हें कोल्ड चेन पाइंट पर भेजने के बाद एक व्यक्ति को लगाने में कितना समय लगेगा तथा एक दिन में कितने लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकती है और इस प्रक्रिया में किस तरह की दिक्कत आ रही है। ताकि उन्हें समय रहते दूर किया जा सके। इस तरह पूरी व्यवस्था को परखा गया।