एमजीएच में किया पेंक्रियाज के कैंसर का जटिल ऑपरेशन

पोर्टल वेन काटकर निकाली कैंसर की गांठ

जोधपुर,एमजीएच में किया पेंक्रियाज के कैंसर का जटिल ऑपरेशन। शहर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल के गेस्ट्रोसर्जरी विभाग के चिकित्सकों को पेंक्रियाज के कैंसर का जटिल ऑपरेशन करने में सफलता मिली। एमजीएच अधीक्षक डॉक्टर फ़तेह सिंह भाटी ने बताया कि गेस्ट्रो सर्जरी विभाग में निश्चेतना विभाग के सहयोग से नियमित रूप से पेट के कैंसर के जटिल ऑपरेशन हो रहे हैं। गेस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉक्टर दिनेश चौधरी ने बताया के जैतारण निवासी भीखाराम को कुछ समय से पीलिया की शिकायत थी। सिटी स्कैन जांच में पेंक्रियाज में कैंसर का पता चला।

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मरीज़ ने अहमदाबाद में दिखाया तो वहां के डॉक्टर ने बताया की कैंसर की गाँठ पोर्टल वेन नामक खून की नली से चिपकी होने के कारण ऑपरेशन नही हो पाएगा। इसके बाद मरीज़ ने डॉक्टर दिनेश को दिखाया। डॉक्टर चौधरी के अनुसार पेंक्रियाज के कैंसर का ऑपरेशन नही होने पर कैंसर तेज़ी से फ़ेलता है ओर एक बार चोथी स्टेज में जाने पर मरीज़ 3-6 माह ही जीवन जी पाता है।

क्यों जटिल था ऑपरेशन
मरीज़ में लोकली एडवानस्ड पेंक्रियाटिक कैंसर था औरर उसे पूरा निकालने के लिए पोर्टल वेन नामक खून की नली को भी काटना पड़ा पर ये नली लिवर को रक्त सप्लाई करती है इसलिए इसे कैंसर निकालने के बाद वापस रिपेयर करना पड़ा।

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डॉक्टर के अनुसार व्हिपल्स नामक सर्जरी पेट के कैंसर की सबसे जटिल सर्जरी मानी जाती है इसमें गाँठ निकालने के बाद पेंक्रियाज को आँत से,पित्त की नली से आँत को,आमाशय से आँत को जोड़ना पड़ता है। यदि उस ऑपरेशन में पोर्टल वेन को भी काटकर जोड़ा जाने पर ऑपरेशन की जटिलता कई गुणा बड़ जाती है। निश्चेतना विभाग की डॉक्टर अभिलाशा ने बताया की पोर्टल वेन रीसेक्शन से पहले नली में खून का दबाव कम करना ज़रूरी रहता है अन्यथा अत्यधिक खून बहने से मरीज़ की जान जा सकती है।

बिना रुके 8 घंटे चला ऑपरेशन
यह ऑपरेशन बिना रुके 8 घंटे तक चला।डॉक्टर के अनुसार इस प्रकार की सर्जरी संभाग के किसी भी राजकीय अस्पताल में पहली बार सफलता पूर्वक की गई है। गाँठ की बयोप्सी जाँच में डॉक्टर अर्पिता और डॉक्टर योगीराज जोशी के अनुसार गाँठ पूर्ण रूप से निकल गई है तथा सारे मार्जिन नेगेटिव पाए गए हैं।

इन्होंने किया ऑपरेशन
डॉक्टर दिनेश ने किया ऑपरेशन और उनका साथ दिया डॉक्टर ड़ुंगर सिंह राजपुरोहित,डॉक्टर विजय और डॉक्टर विशाल, नर्सिंग ऑफ़िसर दिनेश ने ऑपरेशन असिस्ट करवाया। निश्चेतना की विभागाध्यक्ष सरिता जनवेज़ा के निर्देशन में डॉक्टर अभिलाशा ने निश्चेतना दी और सेंट्रल वीनस प्रेशर मॉनिटर किया डॉक्टर अंकित और डॉक्टर जीवन ने उन्हें सहयोग दिया। अभी मरीज़ पूर्णतः स्वस्थ है ओर जल्दी ही अस्पताल से छुट्टी कर दी जाएगी। अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर फ़तेह सिंह भाटी और प्रचार्या डॉक्टर रंजना देसाई ने ऑपरेशन की सफलता पर टीम को बधाई दी है।

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