जोधपुर, राजस्थान की लोक संस्कृति की आकर्षक झलकियों के साथ शनिवार की शाम तीन दिवसीय लोकानुरंजन मेले का शानदार समापन हुआ। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की साझी मेजबानी में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला,

Glimpses of Rajasthani folk culture left a three-day Lokanuranjan fairपश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर, हरियाणा कला परिषद कुरूक्षेत्र तथा भारतीय लोक कला मंडल उदयपुर की ओर से तीन दिनों तक चले इस लोकानुरंजन मेले में आज की शाम केवल राजस्थान के अंतरराष्ट्रीय लोककलाकारों ने अपने फन और फनकारी से दर्शकों में अमिट छाप छोड़ी।

पिछले दो दिनों में जम्मु कश्मिर, हिमाचल, उत्तराखंड, गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा व पंजाब सहित राजस्थान के लोककलाकारों ने अपनी अभिनव लोककला के परचम फहराया। समापन अवसर पर प्रेक्षागृह के भीतर केवल एक सत्र में हुए कार्यक्रमों के दौरान राजस्थानी लोेककलाओ ने दर्शकों को अपनी प्रस्तुतियों से बांधे रखा। कठपुतली कला की लुप्त होती विधा को सजीव बनाए रखने वाली संस्था भारतीय लोक कला मंडल उदयपुर द्वारा कठपुतली शो ने अपना प्रभाव छोड़ा। कार्यक्रम में जाकीर खान लंगा ने लोकगीत गायन, गंगा देवी पादरला पार्टी का तेरहताली नृत्य, अलवर के युसुफ खान का भपंग वादन, विजय लक्ष्मी व महेश आमेरा पार्टी का चरी नृत्य, जोधपुर की सीमा का भवाई नृत्य, उदयपुर का चिरमी नृत्य, जितेन्द्र पराशर पार्टी की फूलों की होली व कालबेलिया प्रस्तुति के साथ संपन्न किया गया। सचिव एलएन बैरवा ने आयार व्यक्त किया। संचालन बिनाका जैरी व प्रमोद सिंघल ने किया। आरंभ में अकादमी अधिकारी रमेश कंदोई व अरूण पुरोहित ने अतिथियों का स्वागत किया।