नई पेंशन योजना के विरोध में कर्मचारियों का कैंडल मार्च

नई पेंशन योजना के विरोध में कर्मचारियों का कैंडल मार्च

संकल्प सभा का आयोजन कर एनपीएस उन्मूलन का लिया संकल्प

जोधपुर, राज्य कर्मियों व केंद्रीय कर्मियों ने संयुक्त रूप से एनपीएस के खिलाफ कैंडल मार्च निकाल कर नव वर्ष पर आंदोलन का आगाज किया। इस अवसर पर कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि जब तक एनपीएस का उन्मूलन नहीं होता तथा पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती तब तक एनएमओपीएस के बैनर तले संघर्ष जारी रखेंगे। कर्मचारियों ने यह भी संकल्प लिया कि आंदोलन को परवान चढ़ाने के लिए इसमें लोगों को जोड़ने के लिए योजक की भूमिका निभाएंगे। न खुद चैन से बैठेंगे ना सत्तासीनों को चैन से बैठने देंगे।

जोधपुर ज़िला अध्यक्ष रामू राम जाखड़ ने बताया कि 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए राजस्थान राज्य में पदस्थापित भारत सरकार के 1 लाख कर्मचारियों पर भारत सरकार द्वारा जारी केंद्रीय सिविल सेवा (इंप्लीमेंटेशन ऑफ एनपीएस) नियम 2021 तथा राजस्थान सरकार के 05 लाख कर्मचारियों पर राजस्थान सिविल सेवा (अंशदायी पेंशन) नियम 2005 लागू किया गया है जो 1 जनवरी 2004 से लागू है जिसकी वजह से कर्मचारी तथा उसके परिवार की सामाजिक सुरक्षा को खत्म करने के साथ ही उनके जीवन को अंधकार मय बना दिया है।

नई पेंशन योजना के विरोध में कर्मचारियों का कैंडल मार्च

1 जनवरी 2004 को तात्कालिक केंद्र सरकार के द्वारा कर्मचारी विरोधी निर्णय के विरोध में नई सड़क चौराहे पर कैंडल मार्च निकाला तथा संकल्प सभा का आयोजन किया जिसमें नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के प्रदेश महासचिव जगदीश यादव ने बताया कि नई पेंशन योजना में निवेशित फण्ड पर कॉर्पोरेट की दूषित नजर है। यह योजना विश्व के एक बड़े घोटाले का शिकार होने जा रही है। जब तक घोटाला सामने आएगा तब तक कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा लुट चुका होगा।

एक देश दो विधान नहीं चलेगा

विधायक सांसद 3-3 पेंशन ले रहे हैं और कर्मचारी को एक भी नहीं। शंभू सिंह मेड़तिया ने बताया कि देश के विधायक व सांसद 3-3 पेंशन ले रहे हैं जबकि कर्मचारी 30 से 35 साल सेवा करने के बाद भी पेंशन के लिए कॉरपोरेट घराने के भरोसे रहेगा। केंद्र और राज्य सरकार में कार्यरत कर्मचारियों को अंशदाई पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। यदि नई पेंशन योजना इतनी ही बेहतर है तो विधायकों और सांसदों पर भी इस योजना को लागू किया जाए अन्यथा कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना पुन: बहाल की जाए।

नई पेंशन योजना के विरोध में कर्मचारियों का कैंडल मार्च

कैंडल मार्च तथा संकल्प पत्र को कर्मचारी संगठनों ने दिया समर्थन

एनपीएस के खिलाफ 1 जनवरी को निकाले गए कैंडल मार्च तथा संकल्प पत्र को कर्मचारी संगठनों ने समर्थन देते हुए सक्रिय भागीदारी निभाई तथा इस विरोध प्रदर्शन में कर्मचारी राजस्थान पंचायती राज संयुक्त महासंघ, राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर, राजस्थान शिक्षक संघ युवा, राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक रेसला,राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील,राजस्थान नर्सिंग यूनियन, राजस्थान फार्मासिस्ट यूनियन, राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ, प्रबोधक संघ, पटवार संघ सहित विभिन्न संगठनों ने भाग लिया। राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष हापु राम चौधरी, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के संभाग अध्यक्ष भंवर काला, रेसला जिला अध्यक्ष नवीन देवड़ा, राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर के संतोष कुमार, राजस्थान प्रबोधक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष प्रकाश मांजू,ने भी संबोधित किया। एनएमओपीएस के विक्रम सिंह बांवरला,सरफराज हुसैन, रमेश कुमार, मोहम्मद सईद, लुंबाराम राम, लूणाराम सहारण, इंद्रजीत चौधरी, इंदिरा चौधरी, लक्ष्मी देवी, सहित सैकड़ों कर्मचारियों ने भाग लिया

क्या है नई पेंशन योजना

कर्मचारी नेताओ ने कहा कि भारत सरकार तथा राज्य सरकार की ओर से 1 जनवरी 2004 के बाद लगे कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बंद कर दी गई तथा उसके स्थान पर अंशदाई नई पेंशन योजना शुरू की गई इस योजना में कर्मचारी की 10% हिस्सेदारी तथा उतनी हिस्सेदारी सरकार की ओर से की जाती है जो एक कॉरपोरेट्स लोगों को समर्पित योजना है जिसमें सरकारी कर्मचारियों के अरबों खरबों रुपए लगे हुए हैं यह सारा पैसा एसबीआई पेंशन फंड, यूटीआई पेंशन फंड तथा एलआईसी पेंशन फंड में जाता है, वहां से पैसा प्राइवेट कंपनियों में शेयर मार्केट में लगाया जाता है।

2004 से पहले सरकारी सेवा के कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाता है लेकिन 2004 के बाद आए कर्मचारियों को पेंशन फंड से जो पेंशन दी जाएगी उसमें अंधकार तथा अनिश्चितता है जहां पर कितनी पेंशन मिलेगी, किस प्रकार पेंशन मिलेगी, कितने साल पेंशन मिलेगी सब कुछ अंधेरे में है। नई पेंशन योजना में बुढ़ापे का सहारा छीनने जैसा है। नई पेंशन योजना में जीपीएफ,फैमिली पेंशन, ग्रेजुएटी, पेंशन कम्युटेशन,वेतन आयोग, डीए भी छीन लिया गया।

आगे की यह रहेगी रणनीति

जिलाध्यक्ष राजूराम जाखड़ ने बताया कि नेशनल मूवमेंट की आगामी रणनीति के तहत पेंशन विहीन कर्मचारी सरकार द्वारा दिए जाने वाले अतिरिक्त कार्यों का बहिष्कार करेंगे जिसमें लोकसभा तथा विधानसभा के चुनाव करवाना भी शामिल है।

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