जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन का मौलिक घटक-आईएफएस जैन

  • आयुर्वेद विश्वविद्यालय में जैव विविधता एवं औषधीय पादप पर व्याख्यान
  • इको सिस्टम को बनाए रखने के लिए प्रकृति प्रदत्त औषधीय पादप एवं जल संरक्षण आवश्यक-प्रो प्रजापति
  • वन संरक्षण प्रशिक्षण केंद्र जोधपुर एवं द्रव्यगुण विभाग की कार्यशाला

जोधपुर,जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन का मौलिक घटक-आईएफएस जैन। डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में वन सरंक्षण प्रशिक्षण केंद्र जोधपुर एवं स्नातकोत्तर द्रव्यगुण विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्त्वाधान में जैव विविधता एवं औषधीय पादप विषय पर कार्यशाला के अंतर्गत वैज्ञानिक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.(वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने सेमिनार हाल में उपस्थित विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि जैव विविधता के सरंक्षण के अभाव में कई जीवनदायी औषधियां विलुप्त हो गई या विलुप्त होने के कगार पर हैं। हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए प्रकृति द्वारा प्रदत्त औषधियों का सरंक्षण करना चाहिए, इस हेतु प्राकृतिक स्त्रोतों का संरक्षण करना,उचित प्रबंधन,विलुप्त हो रही औषधियों के बारे में अनुसंधान कर जागरूकता बढ़ाना,स्थानीय समुदायों का संरक्षण महत्वपूर्ण है।

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वैज्ञानिक सत्र के मुख्य वक्ता संभागीय मुख्य वनसंरक्षक एवं आईएफ़एस आरके जैन ने जैव विविधता में औषधिय पादपों के महत्व को बताते हुए कहा कि जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन का मौलिक घटक है। यह विविधता जीवन की संरचना और संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।औषधीय पादप जैव विविधता का अहम हिस्सा है। इनसे अनेक प्रकार के रोगों में कार्यकारी औषधियाँ प्राप्त होती हैं।औषधीय पादपों का वैज्ञानिक अध्ययन भी इनके उत्पादन,गुणधर्म, औषधीय उपयोग और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। उप वन संरक्षक प्रशिक्षक दीपक गुप्ता ने व्याख्यान में बताया कि जैव विविधता और औषधीय पादपों का संरक्षण और उनका ज्ञान आगे बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। इससे हम न केवल अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं,बल्कि पृथ्वी की जैव विविधता को भी संरक्षित रख सकते हैं।

कुलसचिव प्रो.गोविंद सहाय शुक्ल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि भविष्य में विवि वन प्रशिक्षण केंद्र के साथ मिलकर औषधीय पादपों के सरंक्षण एवं प्राकृतिक स्रोतों को विकसित कर नवीन औषधीय अनुसंधानों पर काम करेंगे। द्रव्यगुण विभागाध्यक्ष प्रो.चंदन सिंह ने पश्चिमी राजस्थान के मरुस्थलीय औषधीय पादपों पर अनुसंधान एवं इनकी जैव विविधता पर शोध करने पर विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो.महेंद्र कुमार शर्मा,अगदतंत्र विभागाध्यक्ष डॉ.रितु कपूर,नारायण सिंह करनोत फॉरेस्ट रेंजर ऑफिसर, उपकुलसचिव डॉ मनोज कुमार अदलखा,डॉ राजेन्द्र पूर्विया,फार्मेसी निदेशक डॉ विजयपाल त्यागी,मीडिया प्रभारी डॉ दिनेश शर्मा,डॉ संगीता,डॉ प्रवीण प्रजापति,डॉ रामेश्वर डूडी,डॉ नरेंद्र राजपुरोहित आदि संकाय सदस्य,स्नातकोत्तर अध्येता उपस्थित थे। संचालन डॉ निकिता पंवार ने किया।

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