भगत की कोठी डीजल शैड ने मनाई स्वर्ण जयंती
- कर्मचारियों ने उल्लास
- डीआरएम ने बताया मील का पत्थर
जोधपुर, इतिहास के अनेक उतार- चढ़ाव देखने के बाद भारतीय रेलवे का तीसरा और उत्तर-पश्चिम रेलवे का सबसे बड़ा जोधपुर मंडल का ऐतिहासिक भगत की कोठी डीजल लोकोमोटिव शैड गुरुवार को 50 साल का हो गया। इस खुशी में जहां डीजल शैड अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक दूसरे को बधाई दी वही मंडल रेल प्रबंधक गीतिका पांडेय ने इस उपलब्धि को मील का पत्थर बताया। डीजल शैड में स्वर्ण जयंती वर्ष होने पर गुरुवार सुबह से ही कर्मचारियों में उत्साह का माहौल था जो देखते देखते उत्सव के रूप में बदल गया।
कर्मचारियों ने एक दूसरे का मुंह मीठा करवा कर बधाई दी जबकि वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता जोगेंद्र कुमार मीणा ने इस अवसर पर डीआरएम का बधाई संदेश पढ़कर सुनाया। जिसमें उन्होंने डीजल शैड कर्मचारियों को कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान व समर्पित रहते हुए भारतीय रेल को नई बुलंदियों तक ले जाने में अपना सर्वश्रेष्ठ सहयोग देने हेतु प्रोत्साहित किया। डीजल शेड के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मीणा ने मंडल रेल प्रबंधक गीतिका पांडेय को डीजल शैड का स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में डीजल शैड में लोको अनुरक्षण के कार्य हेतु 500 कर्मचारी तीन शिफ्ट में दिन रात काम कर रहे हैं जिसके कारण समय पर रेल संचालन हेतु लोको उपलब्ध हो पाते हैं व रेल यात्रियों की यात्रा सुगम हो पाती है।
50 वर्षों की है विकास यात्रा
भगत की कोठी डीजल शेड की विकास यात्रा 50 वर्षों पुरानी है इसका शुभारंभ तत्कालीन मंडल अधीक्षक जगदीश लाल ने 7 अप्रैल 1972 को किया। शुरुआत में डीजल शैड की स्थापना 40 मीटर गेज लोकोमोटिव के रखरखाव के लिए की गई थी। 25 वर्षों तक शैड ने तत्कालीन उत्तर रेलवे के जोधपुर एवं बीकानेर मंडल में रेल संचालन के लिए मीटर गेज के लोको की सेवाएं दीं। तत्पश्चात 15 मार्च 1996 को पहला ब्रॉडगेज लोको का इस शैड में पदार्पण हुआ ।
1997 में हुआ ब्रॉडगेज में तब्दील
60 लोकोमोटिव लोको की होल्डिंग के साथ सन 1997 में इसे पूर्ण ब्रॉडगेज शैड में बदल दिया गया तथा 2009 में यहां पहले हाई हॉर्स पावर (एचएचपी) का पदार्पण हुआ वह 2012 तक शैड पूर्णतः एचएचपी लोको के रखरखाव का कार्य करने लगा।
दूरदृष्टिन्यूज़ की एप्लिकेशन डाउनलोड करें – http://play.google.com/store/apps/details?id=com.digital.doordrishtinews