चारों शंकराचार्यों ने रानी अहिल्या बाई होल्कर को पुण्यश्लोक की उपाधि दी थी-प्रजापति
-त्याग,सुशासन,समर्पण और न्याय की प्रतिपूर्ति थी रानी अहिल्याबाई होल्कर-जिलाध्यक्ष पालीवाल
जोधपुर(डीडीन्यूज),चारों शंकराचार्यों ने रानी अहिल्या बाई होल्कर को पुण्यश्लोक की उपाधि दी थी-प्रजापति। भाजपा प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती को लेकर कार्यशाला सरदारपुरा स्थित सिंधु भवन में मुख्य वक्ता सरोज प्रजापति एवं भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पालीवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पालीवाल ने कार्यशाला के आयोजन को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि पुण्य श्लोक अहिल्याबाई होल्कर के कृतित्व एवं व्यक्तित्व को जनजन तक पहुंचाने के लिये भाजपा उनकी त्रिशताब्दी को स्मृति अभियान के रूप में मना रही है। पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर त्याग, सुशासन,समर्पण और न्याय की प्रतिपूर्ति थी। राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन 09 मई 2025 को केन्द्रीय कार्यालय नई दिल्ली में हुआ था।
प्रदेश कार्यशाला का आयोजन 15 मई 2025 को प्रदेश कार्यालय जयपुर में हुआ था। इसी श्रृंखला में जिला कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला के माध्यम से शहरी-ग्रामीण स्थानीय निकाय एवं महिला गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। अब मण्डल स्तर पर 21 से 31 मई तक कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।
मुख्य वक्ता सरोज प्रजापति ने पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब देश विदेशी आक्रांताओ से त्रस्त था और मंदिर विध्वंस किए जा रहे थे। तब अहिल्याबाई ने बिना भय व समर्थन के सनातन धर्म की पुनर्स्थापना का काम अपने हाथों में लिया। यह देश सिर्फ वीर पुरुषों की ही भूमि नहीं है बल्कि पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर जैसी मातृशक्ति का भी है। जिन्होंने देश, समाज और सनातन के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।
रानी अहिल्याबाई बाई होल्कर का जन्म तो महाराष्ट्र के छोटे से गांव में हुआ था लेकिन उनके कर्तव्यों की सीमाएं पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक फैली हुई थीं। इसीलिए चारों शंकराचार्यों ने रानी अहिल्या बाई होल्कर को पुण्यश्लोक की उपाधि दी थी। वीरता और मूल्यों की रानी देवी पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर ने सांस्कृतिक पुनर्जागरण के साथ-साथ गरीब,दलित पिछड़े और अपेक्षित वर्गाें के कल्याण के लिये जो नीतियां बनायी वह आदर्श और प्रेरणादायी है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार की योजनाएं उसी दिशा में निरंतर आगे बढते हुई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कर रही हैं।
समर कैम्प में सीखे पुराने गेम्स
पूर्व जिलाध्यक्ष जगतनारायण जोशी ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से भाजपा रानी अहिल्याबाई के संदेशों,उनके संघर्षों व उनके धार्मिक कार्यों को लेकर जनता के बीच में संवाद करेगी। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में उनकी प्रतिमा स्थापित करके उन्हें श्रद्वांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि पुण्यश्लोक अहिल्या बाई होल्कर काशी विश्वनाथ से लेकर सोमनाथ तक कितने मंदिरों का जीर्णोद्वार कराया,प्राचीनता और आधुनिकता जो संगम उनके जीवन में था आज देश उसे आदर्श मानकर आगे बढ रहा है।
पूर्व में कार्यशाला का आरम्भ भारत माता के चित्र के समीप दीपप्रज्जवल कर किया गया। कार्यशाला में पूर्व जिलाध्यक्ष जगतनारायण जोशी, महापौर वनिता सेठ,उप महापौर किशन लड्डा, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष कमलेश गोयल एवं कार्यक्रम के जिला संयोजक विजय राजोरिया मंचासीन थे। संचालन जिला संयोजक विजय राजोरिया एवं धन्यवाद उप महापौर किशन लड्डा ने किया।