एमडीएमएच में एंडोवस्कुलर से महाधमनी का जटिल इलाज
पश्चिमी राजस्थान में पहली बार डीवीटी के लिए कौमन आईएलिएक वेन स्टंटिंग हुई
जोधपुर, शहर के डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध मथुरा दास माथुर अस्पताल के उत्कर्ष कार्डियोथोरेसिक विभाग में एंडोवस्कुलर तकनीक (ईवार) से खून की महाधमनी के एन्यूरिज्म तथा पश्चिमी राजस्थान में पहली बार डीवीटी के लिए कौमन आईएलिएक वेन स्टंटिंग की गई। इस प्रक्रिया को मेदांता अस्पताल नई दिल्ली के डॉक्टर के साथ मिलकर किया गया। इंडोवस्कुलर तकनीक से बिना चीर फाड़ के महाधमनी के प्रभावित हिस्से (एन्यूरिज्म) में स्टंट तथा खून की बंद एवं संकुचित हुई धमनी को नीडल पंचर होल से खोला जाता है।
इसे भी पढ़िए- मरीज को जोधपुर छोड़ कर पाली लौट रही एम्बुलेंस 108 बनी आग का गोला
डॉ सुभाष बलारा (सीटीवीएस विभागअध्यक्ष) ने बताया कि
प्रथम केस-जोधपुर निवासी सुगन कंवर 89 वर्ष महिला गत 5 महीना से पेट और पैरों में दर्द की समस्या से जूझ रही थी इनकी जांचों में पेट की महाधमनी में गुर्दों के नीचे बड़ा एन्यूरिज्म होने की पुष्टि हुई यह अनूरिज्म शरीर के निचले हिस्से में खून ले जाने वाली महा धमनी तक फैला हुआ था इस बीमारी को एब्डोमिनल आयोर्टिक एन्यूरिज्म कहा जाता है तथा इसका इलाज काफी जटिल है परंतु इंडो वैस्कुलर तकनीक द्वारा बिना चीर फाड़ के एन्यूरिज्म में बाईफिङ स्टंट लगाया गया।
यह भी पढ़ें-शिविर में 182 दिव्यांजन को बांटे कृत्रिम उपकरण
दूसरा केस-नागौर निवासी 68 वर्षीय हेमराज का है जो कि गत तीन माह से पैरों तथा पेट के निचले हिस्से में दर्द से पीड़ित थे,यह अपने हर्निया का चेकअप कराने अस्पताल पहुंचे थे जहां जांचों में हर्निया के अलावा ऑर्टिक एन्यूरिज्म की जटिल बीमारी की पुष्टि हुई इस बीमारी को लेकर वह मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियोथोरासिक विभाग में भर्ती हुए जहां इंडोवैस्कुलर तकनीक द्वारा बिना चीर फाड़ के बाईफिङ स्टंट इंप्लांट किया गया।
इसे भी देखें- आधी रात में युवक पहुंचा कायलाना में जान देने
तीसरा केस-27 वर्षीय हेमा का है जो प्रेगनेंसी के उपरांत गत 5 वर्षों से पैरों में सूजन से पीड़ित थी यह सूजन गत 3 वर्षों में बढ़ती जा रही थी जिसके लिए उन्होंने हर संभव इलाज लिया परंतु लाभ न मिलने के कारण वह मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती हुई जहां उन्हें पैरों की डीवीटी(डीप वेंन थ्रांबोसिस) बीमारी होने की पुष्टि हुई जिसके लिए उन्हें इंडो वैस्कुलर तकनीक द्वारा कौमन आईएलियक वेन में स्टंट डालकर रोग से निजात दिलाई गई।यह प्रोसीजर पश्चिमी राजस्थान में पहली बार किया गया।
पढ़िए क्या था मामला- तीन आरोपी सगे भाई गिरफ्तार
यह तीनों मैरिज स्वस्थ हैं तथा इनका इलाज सिटीवीएस विभाग में चल रहा है। पहले इस ऑपरेशन की प्रणाली के लिए मरीजों को अन्य राज्यों तथा मेट्रो शहरों में जाना पड़ता था और यह इलाज काफी महंगे हैं जो अमूमन आमजन के पहुंच से बाहर हैं परंतु अब यह सुविधा जोधपुर मेडिकल कॉलेज में मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना मे निःशुल्क उपलब्ध है। मेदांता अस्पताल दिल्ली के डॉ वीरेंद्र ने बताया कि एंडोवैसरकुलर प्रक्रिया के दौरान रक्त वाहिका मे नीडील होल के जरिए इमेज गाइडेड तार,बैलून से बंद हिस्से को खोलना तथा महाधमनी के एन्यूरिज्म को स्टंट के जरिए रोकथाम किया जाता है।
आपरेशन टीम
डॉ विरेंदर शेरान एवं एमडीएमएच के कार्डियोथोरेसिक विभाग के डॉ सुभाष बलारा (विभागाध्यक्ष) और डॉ अभिनव सिंह (सहायक आचार्य) डॉ देवाराम (सहायक आचार्य) एनेस्थीसिया विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ राकेश करनावत, डॉ शिखा सोनी (सह आचार्य),डॉ गायत्री (सहचआर्य)ओटी स्टाफ आसिफ इकबाल,तेज प्रकाश सोनी, आसिफ खान,जितेंद्र,धर्मेंद्र तथा इंचार्ज दिनेश गोस्वामी,राजेंद्र भट परफ्यूशनिस्ट माधव सिंह और मनोज।कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ.रोहित माथुर,सहआचार्य डॉ पवन सारडा और डॉ.अनिल बारूपाल ने इलाज प्रक्रिया में अपना सहयोग प्रदान किया। डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व नियंत्रक डॉ दिलीप कछवाहा तथा एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी। मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉ जयराम रावतानी ने बताया कि यह ऑपरेशन मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत निःशुल्क किया गया।
दूरदृष्टिन्यूज़ की एप्लिकेशन यहां से इंस्टॉल कीजिए http://play.google.com/store/apps/details?id=com.digital.doordrishtinews