क्लस्टर कार्यशाला का आयोजन
जोधपुर(डीडीन्यूज),क्लस्टर कार्यशाला का आयोजन।शेरगढ़ ब्लॉक मंगलवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोज किया गया। केआरपी दिलीप कुमार मीना ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अभिशंषाओं के क्रम में FLN के समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्य योजना 2025-26 में FLN के क्षमता संवर्धन एवं अकादमिक सम्बलन हेतु कक्षा 1 से 5 में अध्यापन करवाने वाले शिक्षकों हेतु राजजतन स्कूल शिक्षा परिषद के माध्यम से FLN आधारित प्रशिक्षण आयोजित किये जाते रहे हैं।
शिक्षकों को वर्ष पर्यन्त शिक्षण विधाओं,पाठ्यक्रम,पाठ्य पुस्तक तथा शिक्षण प्रक्रिया में क्षमता संवर्धन एवं समस्याओं के निराकरण के उद्देश्य से (एक शैक्षिक सत्र में चार) कलस्टर स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाना है। इसी क्रम शेरगढ़ ब्लॉक में कुल 6 क्लस्टर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शेरगढ़ राजकीय माध्यमिक विद्यालय चुतरपुरा, राजकीय उच्चमध्यमिक विद्यालय सोइन्तरा,महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय सोलकियातला,राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सोमसर, शाहिद दमाराम राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चाबा बनाए गए हैं।
प्रथम दिवस हिंदी एवं पर्यावरण अध्ययन का अध्यापन कराने वालों ने इस कार्यशाला में भाग लिया।इसमें खेतसिंह राठौड़,दिलीप कुमार मीणा,प्रदीप कुमार दघीच,सुरेंद्र कुमार मीणा,कमलेश कुमार मीणा, महेंद्र कुमार मीणा,हिम्मत सिंह उज्जवल,रामू राम ने केआरपी की भूमिका निभाई।
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उन्होंने शिक्षकों को क्षमता संवर्धन एवं अकादमिक संबलन प्रदान करने,बाल केन्द्रित एवं गतिविधि आधारित शिक्षण प्रक्रिया से शिक्षण कार्य को प्रभावी बनाने के तरीकों, नवीन पाठ्यपुस्तक एवं सीसीई की सामग्री के साथ कार्य करने की समझ विकसित करना,कक्षा में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान कौशलों के विकास हेतु संतुलित शिक्षण पद्धति आधारित शिक्षण योजना बनाने में,समूहवार शिक्षण की योजना और प्रक्रिया की बेहतर क्रियास्थिति करने,शिक्षण के विभिन्न तरीके क्या हो सकते है? जिससे बच्चों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके,को समझना, रचनात्मक और योगात्मक मूल्यांकन प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए समझ विकसित करने,रचनात्मक और योगात्मक मूल्यांकन दर्ज करते समय किन किन बातों का ध्यान रखा जाये,किसी विशेष अधिगम बिन्दु या विषय वस्तु पर कार्य करने का प्रभावी तरीको का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
इन बिंदु के माध्यम से शिक्षकों की चुनौतियों के निराकरण हेतु कार्य किया तथा शिक्षकों ने आपस में अपने अनुभवों से भी एक दूसरे का क्षमता संवर्धन सहयोग किया। इस दौरान पेहप सिंह राठौड़,रामप्रसाद कुमावत,शिवकुमार,विक्रमसिंह, देवीलाल सुथार,कंचन,राकेश कुमार, राजेश कुमारी,दिनेश कुमार आदि उपस्थित थे।