अंगदान जागरूकता कार्यशाला आयोजित

जोधपुर(डीडीन्यूज),अंगदान जागरूकता कार्यशाला आयोजित। अंगदान के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए जुलाई माह को अंगदान माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज महात्मा गांधी अस्पताल में अंगदान जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ फतह सिंह ने अंगदान की आवश्यकता एवं इसमें आ रही बाधाओं व अंगदान से जुड़े मिथकों के बारे विस्तार से बताया। डॉ फतह सिंह ने अंगदान का इतिहास में प्रथम उदारहण याद दिलाया जब महर्षि दधीचि ने विश्व कल्याण के लिये अपनी अस्थियों का दान कर दिया था। अभी जोधपुर संभाग में अंगदान की जागरूकता का नितांत अभाव है। आम जनता को निरंतर जागरूक करने से ही कैडवेरिक ट्रांसप्लांट के प्रयास सफल हो सकेंगे।

नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि अभी किडनी तथा लिवर अंगदान की आवश्यकता और उपलब्धता में भारी असंतुलन है क्योंकि ये दोनों ट्रांसप्लांट हाल फ़िलहाल जीवित दाताओं के अंगों से ही हो पा रहे हैं। इसके अलावा हार्ट और लंग ट्रांसप्लांट तो सिर्फ ब्रेन डेड वयक्ति के दान किए अंगों से ही संभव है। इसी वजह से इन बीमारियों के अधिकतम रोगी ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा करते हुए ही काल के ग्रास बन जाते हैं।

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यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ गोरधन चौधरी ने ब्रेन डेड रोगी क्या होता है,ऐसे रोगियों का अंगदान किन परिस्थितियों में किया जा सकता है,कौनसे अंग दान किए जा सकते हैं,इसके बारे में प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का समापन एवं धन्यवाद संबोधन ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर शिमला पूनिया ने किया।