बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यरत महिला कर्मचारी से साथी व परिचित ने इंवेस्ट के नाम पर की धोखाधड़ी
मलेशिया में रुपए इंवेस्ट कराने, प्रोडक्ट दिलाने और विदेश भ्रमण के नाम पर पांच लाख से ज्यादा ऐंठे
जोधपुर,बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यरत महिला कर्मचारी से साथी व परिचित ने इंवेस्ट के नाम पर की धोखाधड़ी। शहर के बनाड़ स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा की एक महिला कर्मचारी को उसके साथ में काम करने वाले परिचित और अन्य ने मिलकर धोखाधड़ी का शिकार बनाया। महिला कर्मचारी से मलेशिया की कंपनी में रुपए इंवेस्ट के नाम पर रुपए लिए गए। विदेश भ्रमण के नाम पर खर्चा दिलाने का कहकर पांच लाख से ज्यादा की रकम ऐंठ ली।
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पीडि़ता की तरफ से कोर्ट में इस्तगासे के माध्यम से शास्त्रीनगर थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दी गई है। घटना को लेकर पाल रोड सुभाष नगर की रहने वाली बरखा मुनी पुत्री ओमप्रकाश सुथार ने यह रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि वह बैंक ऑफ बड़ौदा बनाड़ शाखा में नौकरी करती है। साथ में शिकारगढ़ का रहने वाला चेतन गहलोत पुत्र गोरधन सिंह गहलोत भी काम करता है। गत साल 2023 जून में चेतन गहलोत ने अपने अन्य उत्तम गहलोत को परिचित बताते हुए मिलवाया था।
उत्तम सिंह नई भाखरी बाईपास सूरसागर में रहता है। उत्तम गहलोत को खुद का सीनियर बताया था। रिपोर्ट के अनुसार परिवादी बरखा मुनी को बताया कि उत्तम गहलोत बाहर की ग्लोबल लेवल की कम्पनी मलेशिया में व्यापार करता है जिससे काफी मुनाफा होता है तथा जोधपुर में काफी मेम्बर बनाए गए हैं। उसे भी मेंबर बनाने के लिए कहा गया था। रुपए मलेशिया की उक्त कंपनी में इंवेस्ट किए जाने पर बड़ा मुनाफा होगा और जो प्रोडक्ट वह खरीदेगी उस पर फायदा होगा।
विश्वास में आकर बरखा मुनी ने खुद के 1.80 लाख रुपए,पति मनीष मुनी के 1.80 लाख,अपनी बहन रश्मि के 1.50 लाख रुपए इंवेस्ट कर दिए। कंपनी का कार्यालय मलेशिया में क्यू नेट के नाम से बताया गया। बरखा को आईडी भी मलेशिया भेजने को कहा गया।
बाद में उत्तम गहलोत ने पहले एक घड़ी कायरोज कम्पनी की बताकर 60 हजार रुपए की प्रार्थीया के नाम से बाईपोस्ट मंगवाई,जो घड़ी पता करने पर 10 हजार रुपए कीमत की होना बताया व हाथ घड़ी नकली थी।
उसके बाद परिवादी ने मना किया फिर भी उत्तम गहलोत ने कुछ समय पश्चात गोल्ड के टोप्स व पैडेंट परिवादीया के नाम से मंगवाए तथा उसे दिए गए। इनकी कीमत कुल 90 हजार रुपए बताई गई, मगर बाद में जब चेक करवाया गया तो पता लगा कि वह तो मात्र 15 हजार के हैं। इस पर बरखा को उन पर संदेह हो गया।
बाद में उत्तम गहलोत ने बैंकोंक का विजिट कराने की बात की और कहा पहले राशि आपके खुद के पास से खर्च होगी,उसके बाद खर्चा सहित वापिस कम्पनी लौटा देगी। विजिट के नाम पर उनसे एक लाख रुपए ले लिए गए। होटल्स मेें ठहराया गया, मगर बाद में खर्चा लौटाने से इंकार कर दिया। बरखा की बहन के 1.50 लाख रुपए मलेशिया कंपनी मेें जमा है उसे भी लौटाने से इंकार कर दिया गया।
कम्पनी द्वारा क्यू कार्ड की फार्म रश्मि के नाम से ईमेल आया तो ईमेल आने पर कम्पनी ने बताया कि उत्तम गहलोत को भेजकर इण्डिन करेंसी में बदला कर आपको भुगतान कर देगा,मगर आज तक भुगतान नहीं किया।
आरोपियों ने बरखा को अंधेरे में रखा कि आगे मेंबर बनाए जाने और प्रोडक्ट की खरीद किए जाने पर ही मुनाफा होगा। चेतन गहलोत साथ में काम करने और परिचित होने के नाते उस पर विश्वास किया गया था। मगर उसने धोखाधड़ी कर ली। शास्त्रीनगर पुलिस ने कोर्ट से मिले इस्तगासे पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर अब जांच आरंभ की है।