नगर निगम दक्षिण का 697 करोड़ 63 लाख 97 हजार का बजट पारित

-पार्षदों को मिलेगा आईपैड

जोधपुर,नगर निगम दक्षिण में साधरण सभा की बैठक सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर दिवंगतों के शोक प्रस्ताव पढऩे व दो मिनट का मौन रखने के साथ शुरू हुई। इसके बाद महापौर वनिता सेठ ने बजट भाषण पढ़ा। 697 करोड़ 63 लाख 97 हजार का बजट पेश किया। इधर बजट के शुरुआत में पार्षदोंं को आईपैड देने की घोषणा की है।

भाषण के बाद पढ़े गए प्रस्तावों में शहर के मुख्य नालों को जोजरी से नहीं जोडऩे पर खुलकर चर्चा हुई। पार्षद प्रदीप बेनीवाल ने कहा कि लंबे समय से नाले शहर की परेशानी बने हुए है। शर्म आती है नालों की समस्या का निस्तारण नहीं कर पाए। इस बात पर भाजपा के पार्षदों ने सदन में मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाए तो कांग्रेस के पार्षदों ने कहा मुख्यमंत्री को बीच में क्यों लाते हो काम निगम का है।

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सूर्यकांता व्यास ने कहा चार पेज में बजट,समीक्षा करें :-
सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास ने बोर्ड बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इतने बड़े नगर निगम का बजट सिर्फ 4 पन्नों में है यह अच्छा नहीं है। इसकी फिर से समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बजट में शहर को अच्छा बनाने और सुंदर बनाने के लिए कोई भी पहल नजर नहीं आ रही है।

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फूड कोर्ट किस अधिकार से अलॉट हुआ :-
ओमकार वर्मा मनोनीत पार्षद ने महापौर से सवाल करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए कियोस्क बना कर फूड कोर्ट किस अधिकार से आपने अलॉट किया। किसी भी तरह की कोई मीटिंग नहीं हुई।

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चुंगी पुनर्भरण के लिए सरकार पर निर्भर:-
दक्षिण ने अपनी अधिकांश आय को सरकार पर ही निर्भर रखा है। राज्य सरकार से चुंगी पुनर्भरण अनुदान के रूप में 110 करोड की उम्मीद है। भू उपयोग परिवर्तन से 50 करोड़ और अमृत योजना से 100 करोड़ के सरकार से अनुदान की उम्मीद है। स्वच्छ भारत मिशन में 31 करोड़ और 15वें वित्त आयोग से प्राप्त अनुदान के रूप में 31 करोड़ की उम्मीद है। 40 करोड़ का लोन भी रूडसिको को प्राप्त होगा उसे भी आय में दर्शाया गया है।

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वेतन भत्तों पर खर्च होंगे 110 करोड़ :-
निगम दक्षिण के बजट में सबसे बड़ा खर्च वेतन और भत्तों के रूप में 110 करोड रुपए का होगा। 20 करोड़ का खर्च नई सडक़ों का निर्माण,मेयर हाउस का निर्माण और वार्ड कार्यालयों के निर्माण पर किया जाएगा। अमृत योजना में सीवरेज सिस्टम को ठीक करने के लिए 100 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। 50 करोड़ का लोन और बकाया दायित्व का पुनर्भुगतान भी निगम को करना है।

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पार्षदों की अनुशंसा पर काम की लिमिट अब 35 लाख:-
नगर निगम में प्रत्येक पार्षद की अनुशंसा पर अब 35 लाख रुपए 1 साल में खर्च किए जा सकेंगे। पहले यह लिमिट 25 लाख थी। साथ ही पिछले 2 साल में जिन वार्डों में राष्ट्रीय खर्च नहीं हुई उनको भी आगे कैरी फॉरवर्ड किया जा सकेगा।

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