16वां प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र महोत्सव 4 से 6 दिसम्बर को जोधपुर में

राज्यपाल हरिभाउ बागड़े टाउन हॉल में करेंगे उद्घाटन

जोधपुर,16वां प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र महोत्सव 4 से 6 दिसम्बर को जोधपुर में।शैक्षिक संचार संकाय (सीईसी) की ओर से 16वें प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म महोत्सव का पुरस्कार-सह-स्क्रीनिंग जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के ईएमएमआरसी की मेजबानी में 4 से 6 दिसम्बर को जयनरायण व्यास स्मृति भवन टाउन हॉल में आयोजित किया जा रहा है।

महोत्सव का उद्घाटन राजस्थान के राज्यपाल हरिभाउ बागड़े प्रात: 11 बजे एक समारोह में करेंगे। सीईसी के डायरेक्टर प्रोफेसर जेबी नड्डा ने जोधपुर में मीडिया को बताया कि फिल्म फेस्टिवल में छात्रों और आम जन को जागरूक करने के लिए 13 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। इन फिल्मों का पूर्वावलोकन और चयन प्रतिष्ठित जूरी की एक टीम द्वारा कड़ी प्रक्रिया के बाद किया गया है।

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प्रकृति इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल के विजेता वृत्तचित्रों को स्क्रीनिंग सर्टिफिकेट और ट्रॉफी के अलावा 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि सीईसी फिल्म निर्माताओं/फिल्म प्रेमियों को प्रोत्साहित करने और युवाओं को पर्यावरण,विकास,मानवाधिकार और स्वच्छ भारत(स्वच्छ भारतअभियान) जैसे मुद्दों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म महोत्सव का आयोजन करता है।

पहला प्रकृति महोत्सव 1997 में आयोजित किया गया था। तब से, इसे एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में योजनाबद्ध किया गया है जो फिल्म निर्माताओं,छात्रों,शिक्षाविदों, प्रशासकों,विकास कार्यकर्ताओं और मीडिया को एक साथ आने और वृत्तचित्र फिल्म निर्माण की कलात्मक शैली की सराहना करने के लिए एकत्रित करता है।

जागरूकता,प्रशंसा और कार्रवाई को बढ़ावा देते हुए,प्रकृति महोत्सव समानता,नैतिकता,पारिस्थितिकी और स्वच्छता के शैक्षिक पहलुओं पर काम करने वाले लोगों के व्यापक गठबंधन की दिशा में एक कदम है।

सीईसी के ज्वाइंट डायरेक्टर और प्रकृति फिल्म फेस्टिवल के कोर्डिनेटर डॉ सुनील मेहरू ने मीडिया से बात में कहा कि इस वर्ष प्रकृति इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल के लिए कुल 68 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। इनमें म्यांमार,फिलीपींस और बांग्लादेश जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से आई प्रविष्टियां शामिल हैं। सीईसी सक्रिय रूप से विभिन्न सामाजिक विषयों पर आईसीटी-आधारित पर्यावरण निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म महोत्सव का आयोजन करता है ताकि अपने शिक्षार्थियों को सीखने में समरूपता खोजने और रुचि के कई विषयों/विषयों की समझ विकसित करके समग्र रूप से विकसित करने में मदद मिल सके।

डॉ मेहरू ने बताया कि 16वें प्रकृति डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल में डवलपमेंट कैटेगरी में बानी प्रकाश दास की ‘अधिकार के लिए लड़ो’, एनवॉयरमेंट कैटेगरी में पी.रघुपति की ‘रीचिंग द अनरीच्ड’,स्वच्छ भारत कैटेगरी में साजिद नादुथोडी की ‘रेज्ड ऑफ रिदम्स और हयूमन राइटस कैटेगरी में प्रकाश काटरे की ‘ग्रीन मैन’ को बेस्ट अवॉर्डेड डॉक्यूमेंट्रीे के लिए चयनित किया गया है। इसके अतिरिक्त ज्यूरी ने 9 डॉक्यूमेंट्री को स्क्रीनिंग के लिए चुना है।

ईएमएमआरसी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर बीआर गाडी ने बताया कि फिल्म फेस्टिवल की समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। जोधपुर को 14 वर्ष बाद प्रकृति फिल्म फेस्टिवल की मेजबानी का अवसर मिला है। इसके लिए सीईसी डायरेक्टर का आभार व्यक्त करते हैं।

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का एक अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र है। इसका उद्देश्य शैक्षिक मीडिया सामग्री विकसित करके विभिन्न ऑनलाइन और ऑफलाइन मीडिया के माध्यम से इसके प्रसार द्वारा उच्च शिक्षा की जरूरतों को पूर्ण करना है। सीईसी का दृष्टिकोण डिजिटल उच्च शैक्षिक सामग्री प्रसार के क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए आईसीटी का उपयोग करते हुए देश और उसके बाहर अधिक आबादी तक उच्च शिक्षा की पहुंच बढ़ाना है। इसके अलावा, सीईसी ने इन छात्रों की सीखने की कठिनाइयों को दूर करने के लिए वीडियो व्याख्यान/शैक्षिक कार्यक्रमों के रूप में सांकेतिक भाषा सक्षम सामग्री को विकसित और शामिल करके दिव्यांगों,विशेष रूप से श्रवण बाधित लोगों के सशक्तिकरण की शुरुआत की है।

शिक्षा के लोकतंत्रीकरण को मजबूत करने के लिए शैक्षिक सामग्री को कभी भी,कहीं भी उपलब्ध कराने के लिए सीईसी के व्यापक ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम (मूक) विकसित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, डिजिटल शिक्षा में सीईसी की विशेषज्ञता को मान्यता देते हुए, शिक्षा मंत्रालय ने एनईपी 2020 में अनुशंसित मातृभाषा प्रचार अभियान के तहत अपने संपूर्ण डिजिटल शैक्षिक भंडार को 12 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने की जिम्मेदारी सीईसी को सौंपी है।