नेपाल में भूकम्प से 129 की मौत दिल्ली एनसीआर तक हिली धरा

  • 6.4 थी भूकम्प की तीब्रता
  • कई लोग घायल
  • बचाव व राहत कार्य जारी
  • घायलों को अस्पताल में किया भर्ती
  • मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका
  • उत्तराखंड में तेज झटके से लोग दहशत में

काठमांडू,नेपाल में शुक्रवार रात को आए तेज भूकम्प से 129 लोगों के मौत की खबर है। मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। नेपाली राष्ट्रीय भूकम्प केन्द्र के अनुसार शुक्रवार रात्रि आए भूकम्प का केन्द्र नेपाल के जाजरकोट जिले के लामिडांडा इलाका था। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड ने भूकम्प से हताहतों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पड़ोसी देश नेपाल में आए इस भूकम्प के तेज झटके दिल्ली,एन सीआर,बिहार,मध्यप्रदेश,उत्तराखंड तक महसूस किए गए। अब तक मिली जानकारी और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शुक्रवार की रात आया भूकम्प की तीब्रता रिएक्टर स्केल 6.4 था। इससे नेपाल में कई इमारतें ढह गई और भारी जानमाल का नुकशान हो गया। अब तक 129 लोगों की मौत होने की खबर है। मौत आंकड़े बढ़ने की आशंका है। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार मलबे में दबने के कारण कई लोग गम्भीर रूप से घायल हुए हैं,जिन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। भूकम्प के असर से अधिकतर लोगों की मौत रुकुम पश्चिम व जाजरकोट क्षेत्रों में हुई है। भूकम्प इतना तीब्र था कि उसका असर उत्तर प्रदेश,दिल्ली, एनसीआर, बिहार के पटना व मध्यप्रदेश के भोपाल तक था।नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ ने भूकम्प से हुई लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने बचाव और राहत के लिए 3 सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया है।

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उत्तराखंड में भी बीस भूकम्प के तेज झटके महसूस किए गए। उत्तराखंड के चंपावत जिले में शुक्रवार रात 11:32 बजे कुछ देर तक भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इससे घबराकर लोग अपने-अपने घरों से चिल्लाते हुए बाहर भाग गए तथा कई लोगों को नींद में होने के कारण भूकंप का पता भी नहीं चल पाया। लोहाघाट के मौसम विज्ञान केंद्र प्रभारी डॉक्टर एके सिंह ने भूकंप की तीब्रता को रिक्टर स्केल में 6.4 बताया। भूकंप का केंद्र नेपाल के पेनिक से 7 किलोमीटर दूर व उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ से 208 किलोमीटर ईस्ट साउथ ईस्ट में था। यह भूकंप धरती के 10 किलोमीटर गहराई से आया जिसका लेटीट्ट्यूड 28.84 तथा लोंगिट्यूड 82.19 था।उत्तराखंड से नुकसान की कोई खबर अभी तक नहीं मिली है।

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