दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच का ऑफिसर बनकर 1.02 लाख ठगे

  • सेवानिवृत कर्मी कैंसर रोगी को बनाया शिकार
  • वीडियो के नाम पर डराया धमकाया -यू ट्यूबर चैनल चलाने वाला भी शामिल
  • पुलिस ने दर्ज नहीं किया मामला
  • ली कोर्ट की शरण

जोधपुर,दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच का ऑफिसर बनकर 1.02 लाख ठगे।शहर के महामंदिर पुलिस थानाा क्षेत्र में रहने वाले कैंसर रोगी सेवानिवृत कर्मचारी को कुछ लोगों ने अपनी ठगी का शिकार बनाते हुए उनसे 1.02 लाख रुपए ऐंठ लिए। वीडियो के नाम पर डराया धमकाया और खाते में रुपए डलवाए। डराने धमकाने वाले खुद को दिल्ली साइबर क्राइम के अधिकारी बताते रहे। इसमें एक यूट्यूब चैनल चलाने वाला भी शामिल है। मामला गत वर्ष नवंबर का है। पीडि़त ठगी और धमकाने के मामले को लेकर पुलिस की शरण में गए थे,मगर केस दर्ज नहीं किया गया। इतना ही नहीं पुलिस आयुक्त के नाम पर भी परिवाद दिया गया फिर भी कार्रवाई नहीं हो पाई। अब कोर्ट की शरण लेकर इस बारे में केस दर्ज करवाया गया है। जिसमें पुलिस ने जांच आरंभ की है।

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महामंदिर पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाले सरकारी सेवानिवृत कैंसर रोगी की तरफ से यह मामला दर्ज करवाया गया है। इसमें बताया कि गत साल 12 नवंबर की रात को उनके मोबाइल पर किसी रिया शर्मा नाम की लडक़ी ने वाट्सएप कॉल किया था। तब वे बाथरूम में लघुशंका कर रहे थे। कॉल जरूरी लगने पर उन्होंने उसे अटेंड कर लिया था। इसके बाद अगले दिन यानी 13 नबंबर को दिन में फिर उसी लडक़ी का कॉल आया कि उनका बाथरूम वाला वीडियो उनके पास में है और वह उसे वायरल कर देगी इसके लिए 51 हजार रुपए एक निजी बैंक में किसी राजकुमार शर्मा के खाते में डाल दें। घबराए हुए कैंसर रोगी वृद्ध ने बाद में रुपए उस शख्स के खाते में ट्रांसफर करवा दिए। इसके बाद 17 नवंबर को किसी मनोज कुमार तिवारी का कॉल आया और कहा कि वह दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच का एसएचओ बोल रहा है। उसने अपने वाट्सएप डीपी पर तीन स्टार की वर्दी के साथ फोटो लगा रखी थी और वीडियो कॉल भी वर्दी में ही किया था। उसने वीडियो को लेकर बात की और खाते में रुपए डालने को कहा। इस पर पीडि़त वृद्ध ने उसके बताए अनुसार एसबीआई सोना शाखा में 20 हजार फिर 21 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए। कथित तौर पर एसएचओ बने मनोज तिवारी ने बाद में एक यूट्बूर चैनल चलाने वाले आसिम कुमार से बात कराते हुए कहा कि वह यूट्यूब से वीडियो हटा देगा नहीं तो फेसबुक पर भी वीडियो का लोड कर देगा। नहीं तो इसके लिए 61 हजार रुपए खाते मेें डालने होंगे। इस पर घबराए हुए वृद्ध ने उसके खाते में यह रकम भी ट्रांसफर कर डाली।

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19 नवंबर को किसी संतोष कुमार मीणा ने वाट्सएप कॉल कर कहा कि वह दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच का एएसपी बोल रहा है। उसने वृद्ध को धमकाया कि खाते में डेढ लाख रुपए डाल देवें नहीं तो जयपुर हाईकोर्ट में वाद लगा कर दिल्ली तिहाड़ जेल में डलवा देगा। वृद्ध को बार बार फोन पर धमकियां मिलती रही। कथित रूप से पुलिस अधिकारी बने ठगों ने 1.02 लाख रुपए ऐंठने के साथ बारबार डेढ़ लाख रुपयों के लिए धमकाते रहे। पीडि़त ने धोखाधड़ी और धमकाने को लेकर 20 नवंबर को महामंदिर थाने मेें रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे थे,मगर केस दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद उन्होंने पुलिस आयुक्त को भी परिवाद भेजा मगर केस दर्ज नहीं हो पाया। अब पीडि़त ने अदालत के मार्फत धोखाधड़ी,डराने धमकाने और रुपए ऐंठने का केस दर्ज करवाया है। जिस बारे में पुलिस ने जांच आरंभ की है।

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