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समूह से जुड़ी महिलाएं निभा रहीं प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका-मुख्यमंत्री

  • राजीविका सखी सम्मेलन
  • समर्थ सखी योजना,इंदिरा रसोई योजना ग्रामीण,एकीकृत खेती क्लस्टर कार्यक्रम और डिजिटल सखी योजना का शुभारम्भ
  • राजीविका से जुड़ी महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणाएं
  • 702 करोड़ राशि के चेक किये प्रदान
  • सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली महिलाओं का हुआ सम्मान

जोधपुर,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजीविका जैसे कार्यक्रमों से महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व कार्यकाल में अजमेर जिले से स्वयं सहायता समूहों की शुरूआत की गई। आज वह प्रयास इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में वृहत रूप में सबके सामने है। राजीविका से जुड़कर महिलाएं विभिन्न प्रकार के उद्यमों एवं नवाचारों में भाग ले रही हैं,जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। उन्हें अपनी क्षमताओं एवं संविधान प्रदत्त अधिकारों की पहचान हुई है।

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सहकारिता की भावना से कार्य करते हुए राजीविका समूहों से जुड़ी महिलाएं आज प्रदेश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। गहलोत शुक्रवार को जयपुर के जेईसीसी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परिषद(राजीविका) द्वारा आयोजित ‘सखी सम्मेलन’ को सम्बोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में प्रदेश भर से राजीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हजारों महिलाओं ने हिस्सा लिया। बड़ी संख्या में महिलाएं वीसी के माध्यम से भी कार्यक्रम से जुड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राजीविका के अंतर्गत 3.60 लाख समूहों का गठन कर लगभग 43 लाख महिलाओं को इनसे जोड़ा गया है। राज्य सरकार इन समूहों को 4774 करोड़ का ऋण उपलब्ध करवा रही है। यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार का एक अहम प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सौंपे चेक

मुख्यमंत्री ने बैंकों द्वारा दिये जाने वाले 381 करोड़ रुपये की ऋण राशि के चेक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सौंपे। राजस्थान महिला निधि से दिये जाने वाले 63 करोड़ रुपए,आजीविका संवर्द्धन सहायता द्वारा दिए जाने वाले 160 करोड़ रुपए एवं जलग्रहण विकास कर्न्वजेंस सहायता द्वारा दिए जाने वाले 98 करोड़ रुपए की राशि के चेक भी राजीविका से जुड़ी महिलाओं को प्रदान किये। इस अवसर पर गहलोत ने महिलाओं को स्कूटी की चाबी सौंपी एवं सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित किया।

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महिलाओं को सशक्त बना रही योजनाएं

गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग को लाभान्वित कर रही है। राज्य में लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1000 रुपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन,निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट,500 रुपये में गैस सिलेण्डर जैसी योजनाओं से आमजन को राहत दी जा रही है। महिलाओं के लिए उड़ान योजना के अंतर्गत निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन,रोड़वेज बस किराए में 50 प्रतिशत छूट,इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना के अंतर्गत इंटरनेट युक्त निःशुल्क स्मार्टफोन,आरटीई के तहत 12वीं तक छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा,नई महिला नीति लागू करने, सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण,मकान के खरीद-बेचान में रजिस्ट्री महिला के नाम से होने पर शुल्क में छूट देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। अनिवार्य एफआईआर की नीति से महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अत्याचारों में कमी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाना हमारा ध्येय है। इसमें राजीविका से जुड़ी महिलाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी।

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मुख्यमंत्री ने किया विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समर्थ सखी योजना,इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण),एकीकृत खेती क्लस्टर (आईएफसी)कार्यक्रम एवं डिजिटल सखी योजना का शुभारंभ किया। डिजिटल सखी योजना के तहत महिलाओं को चरणबद्ध रूप से डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा। एकीकृत खेती क्लस्टर कार्यक्रम के द्वारा महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं

– राजीविका कैडर से जुड़ी महिलाओं के मानदेय में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी।

– राजीविका से जुड़ी महिलाओं को कृषि एवं गैर कृषि क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त ऋण दिया जाएगा।

– राजीविका से जुड़ी महिलाएं 2.5 प्रतिशत की जगह शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर स्कूटी खरीद पाएंगी।

– उड़ान योजना के अंतर्गत सेनेटरी नैपकिन की पूरी सप्लाई एवं बनाने का कार्य चरणबद्ध रूप से राजीविका को सौंपा जाएगा।

– इंदिरा रसोई योजना-ग्रामीण के अंतर्गत 1000 रसोईयों का संचालन एवं प्रबंधन राजीविका स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया      जाएगा।

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इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर राजीविका स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाई गई ‘शाबास सखी’ प्रदर्शनी का अवलोकन कर उनके द्वारा तैयार उत्पादों की जानकारी ली। कार्यक्रम में राजीविका पर आधारित शॉर्ट वीडियो फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश चन्द मीणा ने कहा कि महिलाओं को समान अवसर देने और उनकी उन्नति सुनिश्चित करने की सोच के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वर्ष 2010 में राजीविका का शुभारम्भ हुआ था।

राजीविका समूहों के माध्यम से महिलाओं के जीवन में आर्थिक समृद्धि आई है। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राजीविका महिला सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। राजीविका स्वयं सहायता समूहों के! द्वारा महिलाओं की आय में बढ़ोतरी हुई है, जिससे वे अपने परिवार का बेहतर पालन-पोषण कर पा रही हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण एवं पंचायतीराज अभय कुमार ने कहा कि राजीविका से जुड़ी महिलाएं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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इस अवसर पर इंदिरा गांधी पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास संस्थान के महानिदेशक कुंजीलाल मीणा,शासन सचिव ग्रामीण विकास मंजू राजपाल,पंचायतीराज शासन सचिव एवं आयुक्त रवि जैन,ईजीएस आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

राजीविका समूहों से जुड़ी महिलाओं से संवाद

राजीविका कैंटीन चला रही हूं। आमदनी 3-4 हजार रुपये से बढ़कर 15-20 हजार रुपये हो गई है। राजीविका से मुझे पहचान मिली है। -अजमेर से सीमा देवी-

राज्य सरकार की योजनाओं से लाभ मिल रहा है। 50 महिलाओं की बाबा रामदेव पाठशाला बनाई है। राजीविका से आय में वृद्धि हो रही है।-चित्तौड़गढ से बुलबुल टांक

उड़ान योजना के तहत कार्य शुरु किया है। 15 महिलाएं कार्य कर रही हैं। 2 लाख से अधिक सेनिटरी पैड बनाकर स्कूलों में वितरित किये हैं। सोयाबीन गेहूं के आटे से लड्डू बनाकर नवाचार किया है।-डूंगरपुर से अरूणा आर्य।

राजीविका के माध्यम से सशक्त होने का अवसर मिला है और आय भी बढ़ी है। आज घट्टी से पीसे मसाले बेचकर अच्छी आमदनी हो रही है।-जोधपुर से सुनीता राठौड़।

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हर महीने 18-20 हजार रुपये कमा रही हूं। 30-35 महिलाएं हमारे साथ कार्य कर रही हैं। आज बाहर निकल कर खुद को सक्षम बना रही हूं,जिससे दूसरी महिलाओं को भी प्रेरणा मिल रही है।-राजसमंद से सोनू माली

2019 से समूह से जुड़ी हुई हैं। गांव में छोटी सी दुकान खोली थी,अब पंचायत समिति में कैंटीन खोल रखी है,जो अच्छी चल रही है। स्मार्टफोन योजना अच्छी है,राजीविका के माध्यम से इसके बारे में जागरूकता फैलाएंगे ताकि अधिक से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो सकें।-सीकर से इंद्रोश देवी।

2014 में राजीविका से जुड़ी,अब सीआरपी के तौर पर काम कर रही हूं। अब तक 7 लाख रुपये का ऋण लिया जिससे विभिन्न कार्य किये। मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। आज साढ़े 22 हजार रुपये मासिक मानदेय मिल रहा है। इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना में मोबाइल फोन मिला है-चूरू से अंजू देवी।

2018 में जुड़ी थी तब जीरो से शुरुआत की थी। आज 15 हजार रुपये मिल रहे हैं। सिलाई कार्य से भी करीब 3 हजार रुपये कमाती हूं। आज अपने पति से भी ज्यादा कमा रही हूं। अपने काम से मिले आत्मविश्वास से ही घूंघट प्रथा से भी मुक्ति पाई है

उदयपुर से रेखा मेघवाल।

2 हजार किलो बाजरे के बिस्किट तैयार किये हैं। समूह से जुड़ी महिला सखी 10-15 हजार रुपये हर महीने कमा लेती हैं। समूह से जुड़ने के बाद जीवन में बहुत सुधार आया है। राज्य सरकार की योजनाओं से सास की पेंशन बढ़ गई,स्मार्टफोन भी मिल गया है-जोधपुर से गीता देवी।

पहले मनरेगा एवं खेती का कार्य करती थी,घूंघट में रहती थी,छोटी उम्र में शादी हो गई थी। अब राजीविका से जुड़कर सशक्त हुई हूं और समूह की अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर रही हूं-उदयपुर से राधा देवी

जिला स्तरीय कार्यक्रम कलेक्ट्रेट सभागार में हुआ

जिला स्तरीय सखी सम्मेलन कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में राज्य पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह सोलंकी,जिला प्रमुख लीला मदेरणा,माडा उपाध्यक्ष कीर्ति सिंह भील,उपजिला प्रमुख विक्रम सिंह बिश्नोई,जिला परिषद सदस्य मुन्नी देवी गोदारा, विशेषाधिकारी जोधपुर ग्रामीण हरजी लाल अटल,जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सुराणा,अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जोधपुर ग्रामीण गणपत लाल सुथार सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं राजीविका स्वयं सहायता समूह की सखियां उपस्थित थी।

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