चालक ने हादसे से पहले क्यों बोला जिसको उतरना है उतर लो बस से

  • उत्तराखंड बस हादसा
  • पहले हो गया था अनहोनी का आभास?

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में सल्ट मर्चुला में हुए हृदय विदारक बस हादसा की शुरुआती जानकारी में पता चला कि बस की कमानी पट्टा टूटा जाने से हादसा हुआ। यह भी सामने आ रहा है कि चालक ने पहले क्यों बोला? जिसको उतरना है उतर लो बस से। इस अनुत्तरित प्रश्न का हर कोई जवाब ढूंढ रहा है। क्या चालक को पहले ही हो गया था अनहोनी का आभास? चालक को यदि बस में खराबी पता चली तो उसे आगे क्यों ले जाया गया? इस घटना से सबक लेकर आगे एतिहात बरतना आवश्यक है।

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उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सल्ट विकासखंड के मरचूला में सोमवार को यात्रियों से खचाखच भरी एक बस अनियंत्रित होकर 150 फुट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई। रामनगर अस्पताल में 34 घायल लाए गए थे। इनमें से आठ की मौत हो गई। छह घायलों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स भेजा गया,जबकि 11 को अन्यत्र रेफर कर दिया गया है। नौ लोग रामनगर अस्पताल में उपचाराधीन हैं। बताया जा रहा है कि बस की कमानी टूटने से हादसा हुआ।

सोमवार को गढ़वाल मोटर यूजर्स कॉपरेटिव सोसायटी की 42 सीटर बस में करीब 63 यात्री सवार थे। घटनास्थल से आधा किलोमीटर पहले ही चालक को आगे कुछ अनहोनी का आभास हो गया था। चालक ने यात्रियों से कहा था किसी को उतरना है तो उतर जाए क्योंकि आगे सड़क खराब है। बस से कोई यात्री नहीं उतरा। यदि यात्रियों ने चालक की मान ली होती तो कइयों की जान बच जाती।

मरचूला-गौलीखाल मोटर मार्ग पर मरचूला के पास सोमवार सुबह हुए बस हादसे को लेकर कई तरह की चर्चाएं गर्म हैं। घटना में बचे कई यात्री घटनास्थल पर पहुंचे प्रशासन के अधिकारियों को यह बताते भी नजर आए कि जिस स्थान पर हादसा हुआ है उससे करीब आधा किलोमीटर पहले सड़क में फंसकर बस डोलने लगी थी तो चालक ने बस रोककर कहा था कि किसी को उतरना है तो वह उतर सकता है, लेकिन कोई सवारी नहीं उतरी।

इसके बाद चालक बस लेकर चल दिया और यह हादसा हो गया। यात्रियों का कहना है कि यदि उन्होंने चालक की बात को गंभीरता से लिया होता और उतर जाते तो कई लोगों की जान बच सकती थी। मरचूला में हुए हादसे को लेकर प्रवासियों की भी चिंता बढ़ा दी थी। मुंबई,दिल्ली,कानपुर,मद्रास,गुरुग्राम,मध्य प्रदेश,जयपुर सहित विभिन्न प्रदेशों में रहने वाले प्रवासी इस घटना के बारे में अपडेट लेने लगे। लोग सोशल मीडिया में घटना के बारे में जानकारी लेते रहे। प्रवासियों ने अपनों को फोन कर उनकी कुशलक्षेम पूछी।

अल्मोड़ा में सोमवार का बस हादसा ढाई साल पहले पौड़ी के धूमाकोट में हुए बस हादसे की याद ताजा कर गया। जून 2022 में 52 बरातियों से भरी बस 500 मीटर खाई में जा गिरी थी। हादसे में कुल 33 लोगों ने जान गंवाई थी और 20 यात्री गंभीर और आंशिक रूप से घायल हुए थे। खाई में करीब 25 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था। अक्तूबर में आई रिपोर्ट में पता चला कि बस ओवरलोड थी ही साथ में ओवर स्पीड भी हादसे का कारण बनी थी।

छह जून 2022 को हरिद्वार के लालढांग से जीएमओयू की एक बस बरातियों को लेकर पौड़ी के बीरखाल के लिए निकली थी।
शाम करीब साढ़े आठ बजे बस धूमाकोट के जंगल में सड़क किनारे पैराफिट से टकरा गई। 25 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला था। चालक बस से नियंत्रण खो बैठा और बस 500 मीटर खाई में जा गिरी थी। बस खाई में गिरी है इसका पता भी वहां से गुजर रहे एक वाहन स्वामी ने पुलिस को दी।

मौके पर पुलिस,फायर ब्रिगेड,एसडी आरएफ और एनडीआरएफ ने 25 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। हादसे में कुल 33 लोग मारे गए थे जबकि 20 घायल हुए। बस ओवरलोड थी। हादसे की जांच बैठी और अक्तूबर 2022 में रिपोर्ट आई। पता चला कि बस ओवरलोड थी। यही एक कारण नहीं था बल्कि बस चालक निर्धारित गति से अधिक पर बस चला रहा था। यह भी इसकी मुख्य वजह बनी।लालढांग से लेकर धूमाकोट तक करीब 11 बैरियर और चेक प्वाइंट पड़े,लेकिन इस बस की कहीं भी चेकिंग नहीं की गई।